जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए एक बड़ा गंभीर विषय बनता हुआ दिख रहा है। इसका प्रभाव भारत में अप्रैल से जून के बीच देखने को मिलेगा जब उत्तर के मैदानी इलाकों समेत दक्षिण भारत में भीषण गर्मी और लू (हीट वेव) चलेगी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चिलचिलाती गर्मी में हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने इस पूर्वानुमान से अलग एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा भी किया है।
मौसम विभाग की स्टडी के अनुसार 1990 की तुलना में स्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने स्टडी में लिखा, "उच्च तापमान के कारण स्ट्रोक का बोझ तेजी से बढ़ा है. खासकर 10 साल से अधिक उम्र के लोगों में और यह अफ्रीका जैसे कम सामाजिक-जनसांख्यिकीय सूचकांक (एसडीआई) क्षेत्रों में असंगत रूप से केंद्रित है."
इसी बीच पीएम मोदी ने गुरुवार को एक बैठक की। इस बैठक के बाद आधिकारिक बयान में ये बताया गया कि, "पीएम मोदी ने लू से जुड़ी स्थिति के लिए तैयारियों की समीक्षा की है. उन्होंने इस दौरान जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया. पीएम ने लू से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए विशेष रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में जागरूकता सामग्री का समय पर प्रचार प्रसार सुनिश्चित करने पर जोर दिया."
क्या होता है ये जलवायु परिवर्तन ?
जलवायु परिवर्तन का मतलब तापमान और मौसम के पैटर्न में ज्यादा समय तक होने वाला बदलाव होना होता है।
क्या होता है ये लू लगना ?
अगर आप 40 डिग्री पारा में लम्बे समय तक रहते हैं तो आपको हीटस्ट्रोक या सनस्ट्रोक हो सकता है जिसे लू लगना कहते हैं। लू लगने से बॉडी के कई जरूरी अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। लू का असर ब्रेन,किडनी,लीवर,दिल और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
जानिये अगले पांच दिन मौसम का हाल
आईएमडी के अनुसार , "उत्तर पश्चिम भारत में 13 से 15 अप्रैल के बीच तेज गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश, तेज हवाएं और ओलावृष्टि हो सकती है, जबकि मध्य भारत में 12 अप्रैल को तेज गरज के साथ हल्की से मध्य बारिश के साथ तेज हवाएं चलने और ओले गिरने के आसार हैं।