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रूस के राष्ट्रपति और जिनपिंग की गैरमौजूदगी पर ये क्या बोल बैठे जर्मन राजदूत ! सुनकर होगी हैरानी

G20 समारोह के लिए देश-विदेश से बड़े-बड़े नेता दिल्ली में एक के बाद एक आ रहे हैं। जी 20 शिखर सम्मेलन में कई बड़े दिग्गज नेताओं की उपस्थिति होगी। लेकिन ऐसे कई नेता भी है जिन्होंने इस समारोह में आने से इनकार कर दिया है जिसके कारण उनके ही देश के किसी और अन्य अतिथि को भारत भेजा जा रहा है।

Hemendra Singh
G20 समारोह के लिए देश-विदेश से बड़े-बड़े नेता दिल्ली में एक के बाद एक आ रहे हैं। जी 20 शिखर सम्मेलन में कई बड़े दिग्गज नेताओं की उपस्थिति होगी। लेकिन ऐसे कई नेता भी है जिन्होंने इस समारोह में आने से इनकार कर दिया है जिसके कारण उनके ही देश के किसी और अन्य अतिथि को भारत भेजा जा रहा है। राजधानी दिल्ली में 9 से 10 सितंबर तक होने वाली की-20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली पुलिस अपनी सुरक्षा की जांच कर रही है वही पुलिस वाहनों के द्वारा रात भर चेकिंग की जा रही है ताकि विदेश से आने वाले मेहमानों और जी-20 समारोह के दौरान किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी न हो। लेकिन इस बीच इस सम्मलेन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन इस सम्मलेन का हिस्सा नहीं बन रहे हैं।  जिसपर जर्मन दूत का एक बड़ा बयान सामने आया है।  चलिए जानते हैं की आखिकार उन्होंने कहा क्या है ?
क्या कहा जर्मन राजदूत ने ? 
भारत में इस बार जी-20 को लेकर अनेक तैयारी चल रही है। जी हां भारत इस बार जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है और यह बैठक राजधानी नई दिल्ली में 8 सितंबर से 10 सितंबर के बीच होने वाली है। भारत पहली बार इस तरह के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा। जिसकी साल भर से तैयारी चल रही है। भारत के अंदर G-20 का 18 सम्मेलन होने जा रहा है। बता दे कि इससे पहले 17 बार यह बैठक हो चुकी है जिसकी स्थापना 2008 में की गई थी और इसकी पहली बैठक अमेरिका में हुई थी। ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब किसी देश का राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री इसमें शामिल न हुआ हो, बल्कि ऐसे कई मौके भी आ चुके हैं जहां इनकी गैरमौजूदगी रही है।  इसपर जर्मन के एक राजदूत ने कहा है की पुतिन और जिनपिंग की गैरमौजूदगी का कोई भी असर नहीं होगा' जी हाँ जर्मन राजदूत ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जी-20 समिट में हिस्सा न लेने पर यह कहते हुए नज़र आये की उनके न आने से इस शिखर सम्मलेन  पर कोई भी असर देखने को नहीं मिलेगा।