भारत देश ने इस बार जी-20 की अध्यक्षता कर 20 बड़े देशों को भारत की भूमिका दिखा रहा था। की भारत किसी भी देश से अब कम नहीं है न काम में न ही विकास में। लेकिन इजराइल और हमास के बीच हो रहे इस हमले के कारण भारत के सामने बड़ी विडम्बना आ चुकी है। क्योंकि दोनों के बीच इस लड़ाई के कारण भारत के बनते-बनते प्रोजेक्ट में रुकावट आ सकती है। जी हां हम बात कर रहे हैं 1 महीने पहले आयोजित हुए G-20 सम्मलेन की जिसमें भारत ने मध्य-पूर्व और यूरोप के बीच एक आर्थिक कॉरिडोर बनाने की कोशिश की थी। लेकिन भारत के इस महत्वकांशी प्रोजेक्ट में रुकावट दिखने वाली है। आइये जाने कैसे ?
G20 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आईएमईसी आने वाले सैकड़ो वर्षों के लिए विश्व व्यापार का आधार बनते जा रहा है जिसको इतिहास हमेशा याद रखेगा और इसी कॉरिडोर की शुरुआत भारतीय धरती पर हुई थी। पिछले कुछ वक्त पहले यह माना जा रहा था कि अमेरिका की कोशिशें से इजराइल, सऊदी अरब अपने बिगड़ते रिश्ते को ठीक करने की कोशिश करेगा ताकि यह दोनों ही देश आईएमईसी प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने का फैसला कर सके। लेकिन इस हमले के कारण शायद फैसले में भी काफी बड़ा बदलाव आ जाए।
जी-20 के दौरान कई फैसले लिए गए एंड कई मुद्दों पर चर्चा भी की गयी, जिसमें से एक आर्थिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट भी था। जी हाँ इसका एक ही उद्देश्य है की भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक गलियारे के मध्य पूर्व के देशों को रेलवे लाइनों से जोड़ना। साथ ही उन्हें बंदरगाह के ज़रिये भी भारत से जोड़ा जा सके। जिसके कारणशिपिंग के साथ-साथ समय, लागत और ईंधन के इस्तेमाल में भी आसानी के साथ कटौती हो।