नई संसद का निर्माण हाल ही में हुआ था जिसका उद्घाटन भी हाल ही में किया गया अब पुराने संसद की सारी यादें एक किताब भी पन्नों में बंद हो चुकी है साथ ही हमारा नया सांसद एक नया इतिहास रचने के लिए तैयार हो चुका है और इस इतिहास रचने की पहले अध्याय में एक ऐसा कानून पारित हुआ जिसने संसद में एक नया इतिहास बना दिया। जी हां हम बात कर रहे हैं महिला आरक्षण विधेयक या फिर "नारी शक्ति वंदन अधिनियम" की यह पहला ऐसा कानून है जो नई संसद में पहली बार बना है जिसके ऊपर सभी पक्ष विपक्ष के नेताओं के मंजूरी मिली और यह पहला ऐसा कानून कहलाएगा जिस देश के सभी नेताओं ने मंजूरी दी है भले ही दो वोटो ने किसी कारण वश इसका विरोध किया लेकिन पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने मिलकर इस कानून को पारित किया।
नए संसद भवन का उद्घाटन इस साल मई में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। लोकसभा के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयक के पारित होने के बाद, संसद के दोनों सदनों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।सांसदों ने मंगलवार को पुराने भवन से नए संसद भवन में प्रवेश किया, जिसे संविधान सदन का नाम दिया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि नए संसद भवन के लिए इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती थी।
एक्स पर ट्वीट करते हुए नड्डा ने कहा की "नए संसद भवन के लिए इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती थी! आज, एक राष्ट्र के रूप में, हमने महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत की है। 'नारी शक्ति' के पारित होने के साथ संसद के दोनों सदनों द्वारा 'वंदन अधिनियम' के साथ, हम अपनी महिलाओं को लंबे समय से लंबित अधिकार प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़े हैं। हमारी नारी शक्ति ने पहले ही जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी शक्ति साबित कर दी है, और अब यह जरूरी है कि वे भी हमारे कानून में बढ़-चढ़कर भाग लें। -प्रक्रियाएं बनाना और अमृत काल में हमारे देश के विकास में योगदान देना। यह विधेयक न केवल विधायिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाएगा बल्कि हमारी सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर भारत को आकार देने में एक प्रमुख और अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा। आत्मनिर्भर भारत)। मैं महिलाओं को सशक्त बनाने के उनके निरंतर प्रयासों के लिए नरेंद्र मोदी जी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।"