दुनिया की पहली वैदिक घड़ी, जो प्राचीन भारतीय पारंपरिक पंचांग के अनुसार समय प्रदर्शित करेगी, मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में तैयार और स्थापित की गई है और 1 मार्च को इसका अनावरण किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मार्च को शहर के जंतर-मंतर पर बने 85 फुट ऊंचे टावर पर स्थापित वैदिक घड़ी का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। यह जिले में सरकारी जीवाजी वेधशाला के पास स्थित है। घड़ी वैदिक हिंदू पंचांग, ग्रहों की स्थिति, मुहूर्त, ज्योतिषीय गणना, भविष्यवाणियों आदि के बारे में जानकारी प्रदर्शित करेगी और यह भारतीय मानक समय और ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) का समय भी दिखाएगी। घड़ी एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक के आधार पर समय की गणना करेगी।
वैदिक घड़ी विकसित करने वाली टीम के सदस्य शिशिर गुप्ता ने बताया, दुनिया की पहली वैदिक घड़ी यहां उज्जैन में बने 85 फुट ऊंचे टॉवर पर स्थापित की गई है। यह घड़ी एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक के समय की गणना करेगी। दो सूर्योदय के बीच की समय अवधि होगी। इसे 30 भागों में विभाजित किया जाएगा, जिसका एक घंटा ISD के अनुसार 48 मिनट का होगा। पाठन 0:00 बजे से शुरू होगा और सूर्योदय के साथ 30 घंटे (48 मिनट का एक घंटा) चलेगा।
उन्होंने कहा कि यह घड़ी वैदिक हिंदू पंचांग के 30 मुहूर्त, तिथि और अन्य सभी समय गणनाएं प्रदर्शित करेगी। महाराजा विक्रमादित्य शोध संस्थान के निदेशक श्री राम तिवारी ने कहा, यह दुनिया की पहली घड़ी होगी जिसमें भारतीय समय गणना प्रदर्शित की जाएगी। उज्जैन को समय गणना का केंद्र माना गया है, इसलिए यहां वैदिक घड़ी स्थापित की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि 300 साल पहले दुनिया का मानक समय उज्जैन से ही निर्धारित होता था। समय का पता लगाने के लिए उज्जैन में एक मशीन मौजूद है। तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और अब राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 6 नवंबर, 2022 को वैदिक घड़ी की आधारशिला रखी थी।
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