पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा भाजपा के असंतुष्ट नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आज नरेंद्र मोदी सरकार पर राफेल लड़ाकू विमान से लेकर ''प्रधानमंत्री कार्यालय में सत्ता के केन्द्रीकरण'' तक को लेकर निशाना साधा।
यहां 'लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ' विषय एक परिचर्चा के दौरान यशवंत सिन्हा ने दावा किया कि राजग सरकार में निर्णय ''अकेले ही लिये जा रहे हैं।'' उन्होंने राजनाथ सिंह का नाम लिये बिना दावा किया कि गृह मंत्री को जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन से हटने के भाजपा के निर्णय के बारे में जानकारी भी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से वित्त मंत्री को जानकारी नहीं थी कि नोटबंदी की घोषणा होने जा रही है। उन्होंने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को ''35 हजार करोड़ रूपये का घोटाला बताया जो कि 64 करोड़ रूपये के बोफोर्स घोटाले से कहीं बड़ा है।''
शौरी ने आरोप लगाया, ''निश्वित रूप से संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। अभी तक पीट पीटकर मार डालने की 72 घटनाएं हुई हैं, सोहराबुद्दीन (फर्जी मुठभेड़) मामले में 54 गवाह पलट चुके हैं…सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा है…ऐसी उम्मीद नहीं लगती कि चीजें बदलेंगी।
उन्होंने कहा कि मीडिया भयभीत है क्योंकि उसका विज्ञापन बंद हो सकता है। सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वह अपने से भाजपा नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, ''हालांकि यदि वे मुझे बाहर करना चाहें तो मैं उनके विवेक पर सवाल नहीं उठाऊंगा।