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चारधाम यात्रा में अब तक 52 श्रद्धालुओं की हुई मौत, केदारनाथ में मृतकों की संख्या 23 पहुंची

Rahul Kumar Rawat

Chardham Yatra 2024: चारधाम यात्रा के शुरू होते ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित चारों धामों की यात्रा कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण व्यवस्थाओं में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। चारधाम यात्रा में अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को गढ़वाल कमिश्वर और चीफ मिनिस्टर के सचिव विनय शंकर पाण्डेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गंगोत्री में 03, यमुनोत्री में 12, बदरीनाथ में 14 और केदारनाथ में 23 सहित कुल 52 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी हैं। ज्यादातर की उम्र 60 वर्ष से अधिक है और कई श्रद्धालु की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।

अभी चारों धामों की यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। श्रद्धालुओं के ठहरने वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के आदेश दिए गए है। सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था की हर दो घण्टे में रिपोर्ट भेजेंगे। विनय शंकर पाण्डेय ने बताया कि, यात्रा को लेकर चीफ मिनिस्टर पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक हुई है। यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 6 बैठकें कर चुके हैं।

चारधाम यात्रा पर बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

वहीं चारधाम यात्रा की जब से शुरुआत हुआ है तब से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्शन करने के लिए पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई है। महज दो सप्ताह में 9 लाख 64 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल से मुकाबले इस साल श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी है। यमुनोत्री धाम में 1 लाख 30 हजार श्रद्धालु पहुंचे। गंगोत्री में 1 लाख 66 हजार श्रद्धालुओं दर्शन करने पहुंचे। केदारनाथ में 4 लाख 42 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। वहीं बदरीनाथ में 1 लाख 96 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि फर्जी पंजीकरण में 1 रुद्रप्रयाग और 9 फर्जी पंजीकरण हरिद्वार में हुए, इन पर कार्रवाई की गई। ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में रुकने वाले श्रद्धालुओं को हर सुविधा दी जा रही है। सीएम धामी की ओर से कहा गया है कि 7-8 दिन से रुके हुए श्रद्धालुओं को भेजा जाए। वहीं, ऋषिकेश में रुके हुए श्रद्धालुओं को भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। 23 मई को 1 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को भेजा गया है।

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