जम्मू कश्मीर

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में 63.88प्रतिशत मतदान, महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक

Saumya Singh

जम्मू-कश्मीर : भारत के चुनाव आयोग ने गुरुवार को घोषणा की कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 63.88 प्रतिशत मतदान हुआ। यह चुनाव अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से राज्य में पहले विधानसभा चुनाव थे और तीन चरणों में संपन्न हुए।

Highlight :

  • जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कुल 63.88% मतदान हुआ
  • तीसरे चरण में 69.69% मतदान दर्ज किया गया 
  • तीसरे चरण में महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 70.02% रहा

जानें, किस चरण में कितने प्रतिशत मतदान हुए

चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में 61.38 प्रतिशत और दूसरे चरण में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि तीसरे चरण में मतदान की संख्या 69.69 प्रतिशत रही। विशेष रूप से, तीसरे चरण में महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 70.02 प्रतिशत रहा, जबकि पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 69.37 प्रतिशत रहा। इस प्रकार, विधानसभा चुनाव में कुल पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत 64.88 प्रतिशत और महिला मतदाताओं का प्रतिशत 63.04 प्रतिशत रहा।

छंब क्षेत्र में तीसरे चरण में सबसे अधिक 80.34 प्रतिशत मतदान हुआ

विधानसभा क्षेत्रों में, छंब क्षेत्र में तीसरे चरण में सबसे अधिक 80.34 प्रतिशत मतदान हुआ, जो चुनाव प्रक्रिया की सक्रियता को दर्शाता है। चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान उत्सव के माहौल में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। उन्होंने इसे "लोकतंत्र के पक्ष में एक जोरदार बयान" बताया, जो मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के 16 अगस्त को दिए गए विश्वास के अनुरूप था।

जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दलों ने भाग लिया

इन चुनावों में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस, जो कि भारत गठबंधन में भागीदार हैं, ने मिलकर चुनाव लड़ा। दूसरी ओर, पीडीपी और भाजपा ने अपने दम पर चुनाव लड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जैसे प्रमुख नेताओं ने चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर प्रचार किया। चुनाव का आयोजन 1 अक्टूबर को हुआ और अब मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। यह चुनाव 2023 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत आयोजित किए गए, जिसमें केंद्र को 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दिया गया था।

इस चुनाव के परिणाम जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकते हैं, खासकर जबसे अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह चुनाव न केवल स्थानीय राजनीतिक दलों की ताकत को प्रभावित करेगा, बल्कि केंद्र की राजनीतिक रणनीति पर भी असर डालेगा। जम्मू-कश्मीर में उच्च मतदान प्रतिशत और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी इस बात का संकेत है कि लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए तत्पर हैं, और यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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