जम्मू-कश्मीर के पूर्व नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, क्षेत्र में चुनाव कराने से डरती है क्योंकि उन्हें लगता है कि मतदाता हुआ तो हार का सामना करना पडे़गा। उन्होंने यह बात तब कही जब वह जम्मू-कश्मीर में कुछ चुनावों में देरी की संभावना के बारे में मीडिया से बात कर रहे थे। अब्दुल्ला ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मतदाताओं द्वारा दंडित किये जाने का डर से भाजपा जम्मू-कश्मीर में चुनाव से कतरा रही है। जम्मू-कश्मीर में पंचायत और शहरी निकाय चुनावों के संभावित स्थगन के बारे में मीडिया से बात करते हुए उमर ने कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में ये चुनाव कराने के मूड में नहीं है, क्योंकि वे जानते हैं कि लोग उन्हें वोटों के माध्यम से दंडित करेंगे।
इन चुनावों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया
ऐसा ही एक बयान कल पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी दिया था। एनसी और पीडीपी द्वारा भाजपा के खिलाफ आलोचना मीडिया रिपोर्टों के बाद शुरू हुई थी, जिसमें संकेत दिया गया था कि सुरक्षा बलों ने केंद्र को बताया था कि पाकिस्तान की आईएसआई पंचायत और शहरी निकाय चुनावों के दौरान राजनीतिक कार्यकर्ताओं की लक्षित हत्याओं को अंजाम देने की योजना बना रही है। माना जाता है कि कुलगाम, कोकेरनाग और श्रीनगर शहर में सुरक्षा बलों पर हाल के हमलों ने इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले इन चुनावों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है।