पुलिस ने मंगलवार को जम्मू (Jammu) में रोहिंग्याओं को आश्रय और सरकारी लाभ प्रदान करने में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में सात FIR दर्ज की हैं। पुलिस ने बताया कि जिलाधिकारियों की मौजूदगी में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई। तलाशी की गई जगहों पर रोहिंग्याओं को ठहराया गया था।
किश्तवाड़ जिले की पुलिस ने रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान अवैध रूप से हासिल किए गए आधार कार्ड जैसे दस्तावेजों की बरामदगी के बाद मामला दर्ज किया था। दच्छन पुलिस थाने में यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करना) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
पुलिस ने इससे पहले मार्च 2021 में एक सत्यापन अभियान के दौरान जम्मू शहर में अवैध रूप से रह रहे महिलाओं और बच्चों सहित 250 से अधिक रोहिंग्याओं का पता लगाया था। इसके बाद उन्हें कठुआ के उप-कारागार में एक हिरासत केंद्र में रखा गया था।
रोहिंग्या म्यांमार के बांग्ला भाषी मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं। अपने देश में उत्पीड़न के बाद, कई रोहिंग्या बांग्लादेश के रास्ते अवैध रूप से भारत आ गए और जम्मू एवं देश के अन्य हिस्सों में शरण ले ली। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी नागरिकों सहित 13,700 से अधिक विदेशी जम्मू और केंद्रशासित प्रदेश के अन्य जिलों में बसे हुए हैं, जहां 2008 और 2016 के बीच उनकी आबादी 6,000 से अधिक हो गई है।
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