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जनसंख्या के आधार पर बीआरएस ने परिसीमन पर दक्षिणी विद्रोह की दी चेतावनी

Desk Team

भारत राष्ट्र समिति (बी.आर.जी.) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर जनसंख्या के आधार पर प्रस्तावित संसद में दक्षिण भारतीयों का प्रतिनिधित्व आया तो दक्षिण में विद्रोह होगा।" उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के ऊपर राजनीतिक संतुलन से लोग अपनी चिंता व्यक्त करेंगे। केटी रामा राव ने मंगलवार को चेतावनी दी, "अगर जनसंख्या के आधार पर प्रस्तावित परिसीमन के कारण संसद में दक्षिण भारतीयों का प्रतिनिधित्व कम हुआ तो दक्षिण में विद्रोह होगा।" भारत सरकार की सलाह पर और राष्ट्रहित में जनसंख्या नियंत्रण में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दक्षिणी राज्यों को दंडित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर दक्षिण भारत के लोग अपनी चिंता व्यक्त करेंगे।

जहां तक परिसीमन का सवाल है

केटीआर ने कहा कि समान विचारधारा वाले दलों के साथ बीआरएस प्रस्तावित परिसीमन पर चर्चा का नेतृत्व करेगा और भारत सरकार को अपनी भावनाओं से अवगत कराएगा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीआरएस नेता ने एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जहां तक परिसीमन का सवाल है, दक्षिण भारत बारूद की ढेर पर बैठा है।

पूरे दक्षिण भारत की तुलना में अधिक सांसद होंगे

बीआरएस नेता ने कहा, "यदि आपको लगता है कि इस परिसीमन के कारण, आप जो जनसंख्या मानदंड अपना रहे हैं, उसके कारण आप हमारी आवाज और संसद में हमारे प्रतिनिधित्व को दबा देंगे तो मैं आपसे वादा करता हूं, आप दक्षिणी विद्रोह देखेंगे।' परिसीमन के बाद संसद में सीटों के कथित अनुमान का जिक्र करते हुए उन्होंने टिप्पणी की, इससे अधिक क्रूर बात यह होगी कि परिसीमन के बाद दो राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार में कुल मिलाकर पूरे दक्षिण भारत की तुलना में अधिक सांसद होंगे।

लगभग 35 प्रतिशत का योगदान दे रही

जिन राज्यों ने भारत सरकार की सलाह के कारण (जनसंख्या नियंत्रण में) अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें अब दंडित किया जाएगा। बुद्धि का प्रबल होना आवश्यक है। हम सभी गौरवान्वित भारतीय हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में दक्षिण का सबसे बड़ा योगदान है। 19 प्रतिशत आबादी भारत की जीडीपी में लगभग 35 प्रतिशत का योगदान दे रही है।