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केरल में Nipah virus पर निगरानी रखने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दिए तकनीकी सुझाव

Desk Team
केरल में मौजूदा स्थिति में सुधार के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और राज्य सरकार ने रविवार को निपाह वायरस निगरानी को लेकर बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय टीम ने निगरानी, आईईसी सामग्री, परीक्षण और संपर्क ट्रेसिंग पर तकनीकी सुझाव दिए।
जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समन्वय करना
सूत्रों के बताया कि निपाह वायरस के गंभीर मामलों के उपचार के लिए राज्य सरकार को चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी शॉट्स की पेशकश की गई थी। 17 सितंबर 2023 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और केरल सरकार द्वारा समीक्षा बैठक की गई थी। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग करने की संभावना नहीं है क्योंकि पात्र रोगी उपलब्ध नहीं हो सकते हैं।
देश के अलग-अलग राज्यों के हॉस्पिटल, जैसे- पुणे का आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, दिल्ली का राम मनोहर लोहिया अस्पताल, शनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) और चेन्नई के डॉक्टर भी चेन्नई के डॉक्टर भी मौजूद है। वायरस  की जांच और रोकथाम उपायों में राज्य और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समन्वय करना।
किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय राज्य और जिला अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में है और स्थिति पर नजर रखे हुए है। निपाह वायरस फैलने की पहली पुष्टि 11 सितंबर को हुई थी और छह पुष्ट मामले सामने आए हैं। अभी तक कुल 1,233 संपर्कों का पता लगाया गया है। जिनमें से 352 को 'उच्च जोखिम' संपर्कों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जिसमें 129 स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हैं। भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार परीक्षण के लिए अब तक 142 नमूने एकत्र किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा, केरल में निपाह के कई मामले पाए गए हैं। केंद्र ने इसकी जांच के लिए तुरंत एक टीम भेजी है। दुनिया की पहली बायोसेफ्टी लेवल 3 (बीएसएल-3) लैब परीक्षण में सहायता करेगी।  केरल में बस के अंदर बीएसएल-3 की व्यवस्था की गई है। केरल में एक विशेषज्ञ टीम भी मौजूद है और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।