असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस द्वारा लगाए आरोप जिसमें पत्नी रिनिकी भुइयां सरमा की निजी कंपनी को केंद्र सरकार से 10 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी मिलने के आरोपों को बेबुनियाद करारा देते हुए उन्हें सिरे से खारिज किया है, उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि न तो मेरी पत्नी और न ही उनकी कंपनी ने भारत सरकार से किसी भी तरह की आर्थिक सब्सिडी ली है।" कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार के फूड प्रोसेसिंग यूनिट की ओर से हिमंत की पत्नी के फर्म को 10 करोड़ का ग्रांट दिया गया है। हिमंत की पत्नी रिनिकी 'प्राइवेट ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड' की मलिक हैं, इसे एग्रीकल्चर प्रोसेसिंग क्लस्टर प्रोजेक्ट के तौर पर रजिस्टर किया गया है, हिमंत के सीएम बनने के बाद उन्होंने असम के नगांव जिले में 50 बीघा एग्रीकल्चर लैंड खरीदी है।
किसान संपदा योजना का लाभ सरमा ने निजी फायदे के लिए किया
गोगोई ने अपने ट्वीट के जरिए निशाना साधते हुए लिखा, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के किसानों की इनकम दोगुनी करने के लिए किसान संपदा योजना शुरू की, लेकिन असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने अपने पद का उपयोग कर अपनी पत्नी की 10 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिंक सब्सिडी दिलाने में सहायता की है, उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा की केंद्र सरकार की योजनाओं का मतलब है भाजपा लोगों को अमीर बनाना।
जानिए गौरव गोगोई ने क्या लगाए आरोप
दूसरे ट्वीट में गोगोई ने लिखा, फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर ग्रांट पाने वाले व्यक्ति का नाम और जिस कंपनी से जुड़ी हुई हैं, उसका नाम क्लियरली देखा जा सकता है, 10 करोड़ रुपये के गवर्नमेंट ग्रांट की मंजूरी दी गई है, अगर यह वेबसाइट हैक हो गई है तो कृपया सेंट्रल मिनिस्टर को रिपोर्ट करें, ट्वीट के साथ उन्होंने फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री की वेबसाइट का एक स्नैप भी शेयर किया है।