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पिनाराई विजयन के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, 60 प्रतिशत कमीशन का गंभीर आरोप

Desk Team

केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) के हजारों कार्यकर्ताओं ने केरल के सीएम के खिलाफ प्रदर्शन किया। बुधवार को UDF के कार्यकर्ताओं ने पिनाराई विजयन सरकार के खिलाफ राज्य सचिवालय की घेराबंदी की। प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने पिनाराई विजयन पर कई गंभीर आरोप लगाए। विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कैसे भ्रष्टाचार वामपंथ सरकार के हर पहलू में फैल गया है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कर्नाटक में पिछली भाजपा सरकार को 40 प्रतिशत कमीशन सरकार के रूप में जाना जाता था, केरल में विजयन सरकार एक कदम आगे बढ़ गई है और 60 प्रतिशत कमीशन पर समझौता कर लिया है।

राज्य की अब तक की सबसे खराब और सबसे भ्रष्ट सरकार- के. सुधाकरन 
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए, केरल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा कि राज्य ने पहले भी कम्युनिस्ट शासन देखा है, लेकिन 2016 से विजयन के नेतृत्व में इतना भ्रष्ट शासन कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि यह राज्य की अब तक की सबसे खराब और सबसे भ्रष्ट सरकार है, जिसने सभी प्रकार के भ्रष्ट सौदों के कारण इसे बदनाम किया है। विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने कहा कि केरल ने पिछले रविवार को विझिंजम बंदरगाह पर समारोह देखा और विजयन को देखना शर्म की बात थी। विजयन ने 2011-16 के ओमन चांडी के कार्यकाल के दौरान विझिंजम बंदरगाह को लेकर आरोप लगाया था कि यह अडानी समूह के साथ एक भ्रष्ट सौदा था।

राज्य को लूटने में लगे हुए हैं सीएम विजयन- वी.डी. सतीसन
सतीसन ने कहा कि रविवार को विजयन हरे झंडे लहराते हुए क्रेन के साथ आए, उन्हें पहले जहाज का स्वागत करते हुए देखा गया। राज्य में जो भी विकास हुआ वह यूडीएफ सरकार के समय में हुआ है और विजयन राज्य को लूटने में लगे हुए हैं। कांग्रेस नेता और विधायक रमेश चेन्निथला ने कहा कि इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आये लोगों को देखकर पता चलता है कि केरल के लोग विजयन सरकार से तंग आ चुके हैं। चेन्निथला ने कहा, "जरा देखिए, राशन की दुकानें खाली हैं, कोई नौकरियां नहीं हैं और राज्य में चौतरफा अराजकता है, खजाना खाली है और कुछ नहीं हो रहा है। लेकिन विजयन और उनके करीबी सहयोगी भ्रष्ट सौदों में शामिल होकर मजे कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह घेराबंदी पहला चरण है और UDF अब विजयन सरकार के खिलाफ जमीनी स्तर पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए 140 विधानसभा क्षेत्रों में आगे बढ़ेगा।