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पुडुचेरी विधानसभा द्वारा CAA के खिलाफ पारित किए प्रस्ताव का माकपा ने किया स्वागत

माकपा सचिव ने विपक्ष एन आर कांग्रेस और अन्नाद्रमुक के इस ऐतिहासिक प्रस्ताव में हिस्सा नहीं लेने पर जमकर आलोचना की है।

Desk Team
नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। माकपा ने गुरुवार को पुडुचेरी विधानसभा द्वारा सीएए,एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ पारित किये प्रस्ताव का स्वागत किया है। उन्होंने समाज के हर समुदाय से इस 'अनुचित' कानून के खिलाफ साथ आने की अपील की है।
माकपा सचिव रंजनगम ने पुड्डचेरी सरकार को यह प्रस्ताव नहीं पारित करने का परामर्श दे रहीं उपराज्यपाल किरन बेदी की आलोचना की है। किरन बेदी का तर्क था कि सरकार के पास इस प्रस्ताव को पारित करने के लिये शक्तियां नहीं है। इस पर विपक्ष का आरोप है कि ऐसा करके उन्होंने इस तथ्य को छुपाया कि सरकार के पास 'कानून का विस्तार' के तहत इतनी शक्तियां है कि वह केंद्र सरकार के किसी कानून को लागू नहीं करने का निर्णय ले सकती है।
माकपा सचिव ने विपक्ष एन आर कांग्रेस और अन्नाद्रमुक के इस ऐतिहासिक प्रस्ताव में हिस्सा नहीं लेने पर जमकर आलोचना की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ऐसा कानून लेकर आयी है जो संविधान के बुनियादी ढांचे को तोड़ता है। विपक्ष पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई यह सोच कर चुप्पी साधे हुए है कि यह कानून केवल श्रीलंकाई तमिल और अल्पसंख्यकों को ही नुकसान पहुंचाएगा तो ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह कानून सभी के लिये खतरनाक है और इससे हर कोई प्रभावित होगा। उन्होंने आगे कहा कि इसलिए हम सभी को इस कानून का खुलकर विरोध करना चाहिए। इस बीच मानव संसाधन एवं उपभोक्ता संरक्षण सोसाइटी ने भी विधानसभा के इस कदम का स्वागत किया है।