छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में एक विशेष कार्यक्रम में कई सौगातें दीं. उन्होंने कहा कि वहां के लोग किसी से भी बेहतर जानते हैं कि सुकमा और छिंदगढ़ में पहले क्या हालात थे और पिछले पांच वर्षों में कैसे बदलाव आया है। पिछली बार जब उन्होंने दौरा किया था, तो लोगों ने उनसे इमारतें, जीविकोपार्जन में मदद करने वाली चीजें और एक स्कूल जैसी चीजें मांगी थीं, जहां वे अंग्रेजी सीख सकें। सुकमा एक ऐसी जगह हुआ करती थी जहां लोग दिन में भी एक खास घाटी से गुजरने से डरते थे। लेकिन अब, वे रात में मोटरसाइकिल पर यात्रा करने में काफी सुरक्षित महसूस करते हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ
छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके को धुर नक्सली इलाके के तौर पर पहचाना जाता रहा है, मगर अब हालात बदल रहे हैं। इस बात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पांच साल पहले लोग दिन में छिंदगढ़ से आने में डरते थे, मगर अब तो रात में भी मोटरसाइकिल से आने-जाने लगे हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।
जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे
उन्होंने कहा, "पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।"