बेंगलुरु में सिटी सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने फर्जी मतदाता पहचान पत्र घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए तीन लोगों को हिरासत में लिया है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। आरोपियों में से एक, जिसकी पहचान मौनेश कुमार के रूप में हुई है, राज्य के शहरी विकास और नगर नियोजन मंत्री बिरथी सुरेश को जानता है, जिन्हें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का प्रमुख सहयोगी माना जाता है। हिरासत में लिए गए अन्य दो व्यक्तियों की पहचान भगत और राघवेंद्र के रूप में की गई।
एमएसएल टेक्नो सॉल्यूशंस पर छापेमारी की गई
पुलिस ने बताया कि आरोपियों द्वारा पैसे के बदले वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड हासिल करने की सूचना मिलने के बाद बेंगलुरु के कनकनगर में एमएसएल टेक्नो सॉल्यूशंस पर छापेमारी की गई। छापेमारी के बाद तीनों को हिरासत में ले लिया गया।
सीसीबी अधिकारियों ने इस संबंध में हेब्बल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।
कार्यालय पर छापा मारा गया
सूत्रों ने बताया कि मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और पुलिस ने जिस कार्यालय पर छापा मारा गया था, वहां से कंप्यूटर और अन्य गैजेट जब्त कर लिए हैं। आरोप है कि आरोपी की मंत्री से नजदीकी के कारण गिरफ्तारी नहीं हुई। इस बारे में पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें घटनाक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी Subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।