अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह का हिस्सा कई लोगों ने नागपुर, गोंदिया और हिंगोली में विरोध प्रदर्शन किया। वे मराठा समुदाय को विशेष प्रमाणपत्र देने की सरकार की योजना से नाराज़ थे। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर नारे लगाए और कहा कि सरकार को सावधान रहना चाहिए और बिना सोचे-समझे मराठा समुदाय को ये प्रमाणपत्र नहीं देने चाहिए। कुछ नेताओं ने सरकार को यह भी चेतावनी दी कि अगर मराठा समूह ओबीसी समुदाय के कुछ लाभों को छीन लेता है तो वे चुप नहीं बैठेंगे।
ओबीसी की मांग का समर्थन किया
सत्तारूढ़ सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और अन्य सहित कई दलों ने ओबीसी की मांग का समर्थन किया है कि उनके कोटा में गड़बड़ी नहीं की जानी चाहिए। विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने सरकार से सवाल किया कि उसने सभी समुदायों के लिए समान कोटा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए मराठों के बराबर ओबीसी की मांगों को क्यों नहीं लिया।
उन्होंने पूछा, सरकार का कोई प्रतिनिधि, मंत्री या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पिछले 10 दिन से विरोध-प्रदर्शन कर रहे ओबीसी से बात करने क्यों नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस नेता ने सरकार से राज्य सरकार के कदमों में ओबीसी के आरक्षण पर चर्चा करने के लिए मराठों के लिए आयोजित एक समान बैठक की तर्ज पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाने और धनगरों के लिए कोटा पर भी चर्चा करने का आग्रह किया।