केरल में बुधवार (13 सितंबर) को निपाह संक्रमित एक और मरीज के सामने आने के बाद राज्य के हेल्थ डिपार्टमेंट की चिंता बढ़ गई है। इसके साथ ही अब केरल में निपाह मरीजों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। केरल की हेल्थ मिनिस्टर बीना चार्ज ने बताया कि इन्फेक्शन को फैलने से रोकने के लिए राज सरकार ने कंटेनमेंट जोन बनाए हैं। करीब 700 लोगों की लिस्ट बनाई गई है जो मरीज के संपर्क में आए थे इनमें से 77 लोग हाई रिस्क कैटेगरी में रखे गए हैं। बता दे कि राज्य में दो मरीजों की मौत निपाह वायरस के संक्रमण के कारण हुई है। हेल्थ मिनिस्टर ने यह भी आशंका जताई है कि पूरे राज्य में इंफेक्शन फैलने का खतरा है। राज्य सरकार ने संक्रमण की रोकथाम के लिए कई उपाय किए हैं।
त्योहारों के जश्न और कार्यक्रमों पर रोक
राज्य में जान गवाने वाले दो मरीज जिन रास्तों से गुजरे थे उसके बारे में लोगों को जानकारी दी गई है, ताकि अन्य लोग उन रास्तों का इस्तेमाल न करें। दुकानों को सुबह 7:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खोलने की अनुमति है सिर्फ फार्मेसी और हेल्थ सेंटर्स के लिए कोई समय सीमा नहीं है।
9 साल का बच्चा हुआ पॉजिटिव
कोझिकोड जिले में 9 साल का बच्चा भी निपाह वायरस से पीड़ित है जिसके इलाज के लिए सरकार ने आईसीएमआर से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का आर्डर दिया है। बच्चा वेंटिलेटर सपोर्ट पर है, इस बार केरल में जो निपाह संक्रमण फैला है वह बांग्लादेश का स्ट्रेन रह चुका है। इसका इंफेक्शन रेट भले ही कम है लेकिन डेथ रेट हाई है। निपाह वायरस इंसानों से इंसानों में फैलता है। केरल में सबसे पहले 2018 में निपाह इंफेक्शन फैल था उस दौरान 18 में से 17 मरीजों की मौत हो गई थी इसलिए एक बार फिर इंफेक्शन फैलने की वजह से राज्य में डर का माहौल बना हुआ है।