अन्य राज्य

PM मोदी ने किया अमृत महोत्सव का उद्घाटन, कहा-हमें अपने संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की। यह कार्यक्रम 15 अगस्त 2023 तक चलेगा, यानी 75 हफ्ते तक देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

Desk Team
देश को मिली आज़ादी को जल्द ही 75 वर्ष पूरे होने वाला हैं। इस जश्न के मौके पर 'आजादी के अमृत महोत्सव' का आगाज हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अहमदाबाद में इस कार्यक्रम की शुरुआत की। यह कार्यक्रम 15 अगस्त 2023 तक चलेगा, यानी 75 हफ्ते तक देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव की एक वेबसाइट लॉन्च की, साथ ही कार्यक्रम स्थल में एक बड़े चरखे का भी अनावरण किया गया ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, मैं इस पुण्य अवसर पर बापू के चरणों में अपने श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। मैं देश के स्वाधीनता संग्राम में अपने आप को आहूत करने वाले, देश को नेतृत्व देने वाली सभी महान विभूतियों के चरणों में आदरपूर्वक नमन करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने महोत्सव के पांच स्तंभों पर जोर दिया गया, जिसमें फ्रीडम स्ट्रगल-एक्शन-आइडिया जैसे स्तंभ शामिल हैं। 
उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है किसी राष्ट्र का गौरव तभी जागृत रहता है, जब वो अपने इतिहास की परंपराओं से प्रेरणा लेता है। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है।
नमक का मतलब-ईमानदारी, विश्वास और वफादारी 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया। उन्होंने देश में नमक का मतलब-ईमानदारी, विश्वास और वफादारी बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था। एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी। देश के कोने-कोने से कितने ही दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा हैं जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए। याद करिए, तमिलनाडु के 32 वर्षीय नौजवान कोडि काथ् कुमरन को, अंग्रेजों ने उनको सिर में गोली मार दी, लेकिन उन्होंने मरते हुए भी देश के झंडे को जमीन में नहीं गिरने दिया।
PM मोदी ने किया नेहरू का जिक्र 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू, बाबा साहेब अंबेडकर, मौलाना आजाद, सरदार पटेल के सपनों के भारत को बनाने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। देश के इतिहास में ऐसे कई संघर्ष हैं, जिनका नाम आज नहीं लिया जाता है लेकिन हर किसी का अपना एक महत्व रहा है। भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया और पूरे देश में आजादी के महोत्सव को जन-जन तक पहुंचाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी बोस ने अंडमान में जहां पहली आजाद सरकार बनाई, आज वहां भी जश्न हो रहा है। वहां के द्वीपों का नाम आजाद हिंद फौज के नाम पर ही रखा गया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने संविधान, लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है। पीएम मोदी बोले कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि हमें सिर्फ ब्रिटिश साम्राज्यवाद नहीं, बल्कि वैश्विक साम्राज्यवाद के खिलाफ है। दुनिया आज भारत की आत्मनिर्भरता का लाभ उठा रही है, हम हर किसी को वैक्सीन दे रहे हैं।
साबरमती आश्रम पहुंच विजिटर बुक में स्वतंत्रता सेनानियों को दी श्रद्धांजलि 
कार्यक्रम को संबोधित करने से पहले प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से साबरमती आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। वह आश्रम में स्थित आवास हृदयकुंज भी गए जहां गांधी 1918 से 1930 तक अपनी पत्नी कस्तूरबा के साथ रहे थे। 
प्रधानमंत्री ने विजिटर बुक में लिखा कि यह महोत्सव हमारे स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि है। उन्होंने आगे लिखा, ''साबरमती आश्रम आकर और बापू की प्रेरणा से राष्ट्र निर्माण का मेरा दृढ़ निश्चय और भी मजबूत हुआ है। महात्मा गांधी ने आत्म निर्भरता और आत्म विश्वास का संदेश यहीं से दिया था।'' 
उन्होंने लिखा कि आजादी का अमृत महोत्सव हमारे लोगों द्वारा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और स्वाधीनता संग्राम को श्रद्धांजलि है। इस समारोह के दौरान देश आजादी की लड़ाई के समय की न केवल सभी महत्वपूर्ण उपलब्धियों और महत्वपूर्ण कालखंड को याद करेगा बल्कि हमारे भविष्य के विकास के लिए नई ऊर्जा भी प्राप्त करेगा।