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सिद्दारमैया को स्पष्ट करना चाहिए जनगणना जाति आधारित है या सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण : CM बोम्मई

Desk Team

भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को स्पष्ट करना चाहिए कि जनगणना जाति आधारित है या सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण है। हुबली में पूर्व सीएम बोम्मई ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की बैठक में जाति आधारित जनगणना पर चर्चा हुई थी। यहां की सरकार इसे जारी करे। सर्वेक्षण को सभी समुदाय स्वीकार नहीं कर सकते हैं। लेकिन, पक्ष-विपक्ष और संशोधनों पर चर्चा की गुंजाइश रहेगी।

पिछली कांग्रेस सरकार ने आर्थिक और शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए एक सर्वेक्षण किया था। इस संबंध में सरकारी आदेश में भी कहा गया है कि यह लोगों का आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे प्रकाशित किया था। फिर, चुनाव और राजनीतिक कारणों की पृष्ठभूमि में इसे जारी नहीं किया गया। अब, वे इसके बारे में फिर से बात कर रहे हैं। पहले यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि जो सर्वे किया गया है वह जातीय जनगणना है या नहीं। क्योंकि सरकारी आदेश में यह जिक्र कहीं नहीं है कि 168 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया सर्वे जातीय जनगणना थी।

जाति जनगणना रिपोर्ट पर गौर 

बसवराज बोम्मई ने आगे कहा कि पहले कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री इस पर स्पष्टीकरण दें कि जनगणना में क्या किया जाता है, कैसे किया जाता है। कांग्रेस नेताओं ने खुद कहा था कि रिपोर्ट की सामग्री का विश्लेषण करने के बाद चर्चा की जा सकती है। रिपोर्ट से कुछ समुदाय नाराज हो सकते हैं, कुछ को फायदा हो सकता है, जो बहस का विषय है। इस संबंध में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने एक स्टैंड लिया है, इसे आगे बढ़ने दें। नई दिल्ली में सीडब्ल्यूसी की बैठक में हिस्सा लेने के बाद सिद्दारमैया ने कहा था कि 'उनकी सरकार लंबित जाति जनगणना रिपोर्ट पर गौर करेगी।