सिक्किम इस वक्त बाढ़ की तबाही से गुजर रहा है इस बाढ़ के द्वारा मचाए गए त्रासदी के कारण सिक्किम के लोग आज खून के आंसू रो रहे हैं। जी हां राज्य में बाढ़ के कारण करीबन 3000 से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की आशंका चढ़ाई जा रही है वहीं बुधवार के दिन सिक्किम सरकार द्वारा यह पुष्टि किया गया कि आई बाढ़ से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 102 लोग अभी भी लापता है। प्रकृति अपना कहर कब दिखा दे यह किसी को कभी पता नहीं चलता और इस प्रकृति के द्वारा किसकी जान चली जाए इसका भी किसी को कोई अंदाजा नहीं रहता। देश में कभी देहरादून तो कभी उत्तराखंड और अब बारी है सिक्किम की जहां बाढ़ अपनी तबाही मचा रहा है जिसके कारण लाखों लोग परेशानियों से जूझ रहे हैं। बता दे की सिक्किम के मंगल जिले के चुंगथांग और गंगटोक जिले के डिक्चू,सिंगतम और पाकयोंग जिले के रंगपो से लोगों के घायल होने की सूचना मिली है।
सिक्किम के मुख्य सचिव वीबी पाठक द्वारा बताया गया है की , "ल्होनाक झील में मंगलवार रात करीब 10:42 बजे बादल फट गया। इसके बाद झील ने अपने तटबंध को तोड़ दिया और तीस्ता नदी की ओर अपना रुख कर लिया। जल्द ही विभिन्न हिस्सों तीस्ता बेसिन में पानी में वृद्धि दर्ज की गई, विशेष रूप से चुंगथांग में चिंताजनक स्तर जहां तीस्ता स्टेज 3 बांध टूट गया था।" "बांध की सुरंगों में अभी भी 12-14 मजदूर फंसे हुए हैं। राज्य भर में कुल मिलाकर 26 लोग कथित तौर पर घायल हुए हैं और उन्हें अस्पतालों में पहुंचाया गया है। जबकि बरदांग में सेना के 23 जवान अभी भी लापता हैं। उनके पास एक काफिले का वाहन था जो राजमार्ग के निकट पार्क किया गया था जो कीचड़ में डूब गया," पाठक ने कहा।राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की तीन (3) अतिरिक्त प्लाटून की मांग की है, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। रंगपो और सिंगताम कस्बों में एनडीआरएफ की एक प्लाटून पहले से ही सेवा में है। एनडीआरएफ की ऐसी ही एक आगामी प्लाटून को बचाव कार्यों के लिए हवाई मार्ग से चुंगथांग ले जाया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि वर्तमान में राज्य में 3,000 से अधिक घरेलू और विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं। इसी तरह, आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, हवाई संपर्क के लिए मौसम में सुधार होने पर खाद्य और नागरिक आपूर्ति को चुंगथांग ले जाया जाएगा।