झारखंड में वनों पर निर्भर लोगों को वन पट्टा देने के लिए राज्य सरकार 6 नवंबर से विशेष अभियान शुरू करेगी। सरकार ने इसे 'अबुआ वीर दिशोम वन अधिकार अभियान' नाम दिया है। इसके तहत आदिवासी और वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को व्यक्तिगत और सामुदायिक वन संसाधन वनाधिकार पट्टा (लाइसेंस) मुहैया कराया जाएगा।
आजीविका संबंधी कार्य करने का अधिकार हासिल होगा
इसके तहत उन्हें चिह्नित क्षेत्र में खेती करने, वनोपजों पर आधारित आजीविका संबंधी कार्य करने का अधिकार हासिल होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार वन पट्टा हासिल करने के योग्य हर व्यक्ति को उसका हक दिलाने के प्रति संकल्पित है।
उल्लेखनीय है कि गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को ही इस अभियान की औपचारिक घोषणा हुई थी और उस दिन राज्य के 30 हजार से अधिक ग्राम सभाओं ने जल, जंगल और जमीन तथा इसके संसाधनों की रक्षा के लिए समर्पित और संगठित प्रयास करने की शपथ ली थी।
जिला स्तर पर वन अधिकार समितियों का गठन
वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत 3 से 18 अक्टूबर तक राज्य के वन क्षेत्रों में ग्राम, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर वन अधिकार समितियों का गठन किया गया है। यह समितियां वन पर निर्भर लोगों और समुदायों को वन अधिकार पट्टा देने की अनुशंसा करेंगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन एवं वेबसाइट भी लॉन्च की जा रही है।