हरित क्रांति के जनक डॉ. स्वामीनाथन का चेन्नई स्थित उनके आवास पर सुबह 11.15 बजे निधन हो गया। डॉ. स्वामीनाथन का कुछ वक्त से उम्र से संबंधित बीमारियों का उपचार चल रहा था। इस बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के निधन पर बृहस्पतिवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि स्वामीनाथन ने भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने में अहम भूमिका निभाई।
परिवर्तन लाने का काम किया
पटनायक ने एक संदेश में कहा, "प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के निधन से बेहद दुखी हूं। भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में मशहूर डॉ. स्वामीनाथन ने देश के कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने में अहम भूमिका निभाई और किसानों की स्थिति में परिवर्तन लाने का काम किया। अपने पूरे जीवन में उन्होंने तकनीक के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के लिए काम किया और किसानों के लिए उचित नीतियों की वकालत की।"
किसानों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे
राज्य के सथ उनके मजबूत संबंधों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन ने अनुसंधान की शुरुआत ओडिशा से की थी और वह हरसंभव तरीके से राज्य के किसानों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन की संस्था ओडिशा के आदिवासी इलाकों में कृषि गतिविधियों को बेहतर बनाने में करीबी तौर पर जुड़ी हुई है।