आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी से सियासी भूचाल आ गया है। नौबत यह आ गई है कि तेलुगु देशम पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर आग लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। इन सभी के बीच नायडू की 'अवैध' गिरफ्तारी पर टीडीपी कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।
नायडू की गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया
विजयवाड़ा के सांसद ने अपने पत्र में नायडू की गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया है। उन्होंने लिखा कि नायडू ने अपने जीवन के लगभग 45 वर्ष निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिए और उन्हें व्यापक रूप से एक साफ-सुथरे और सिद्धांतवादी नेता के रूप में माना जाता है। सांसद ने लिखा, 'चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी से जुड़ी परिस्थितियों ने प्रक्रिया की वैधता और निष्पक्षता पर गंभीर संदेह पैदा कर दिया है। उनके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को संजोने वाले नागरिक के रूप में, हम इस स्थिति के बारे में गहराई से चिंतित हैं।'
नागरिकों के विश्वास को हिला दिया
सांसद ने दावा किया कि नायडू की गिरफ्तारी ने उन नागरिकों के विश्वास को हिला दिया है जो स्वच्छ शासन और विकास के प्रति उनके समर्पण का सम्मान करते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने और चंद्रबाबू के कानूनी अधिकारों को बरकरार रखने की गारंटी देते हुए एक संपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की अपील की है। प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में टीडीपी सांसद ने आरोप लगाया कि 2019 में राज्य में सत्ता में आने के बाद से वाईएसआरसीपी (YSRCP) सरकार विपक्षी नेताओं को झूठे मामलों में फंसा रही है और उन्हें अवैध और अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार कर रही है।