पंजाब सरकार ने बृहस्पतिवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से कहा कि वह राज्य के सभी ग्राम पंचायतों को भंग करने संबंधी अपनी अधिसूचना वापस ले रही है। अदालत राज्य सरकार द्वारा 10 अगस्त को जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता गुरजीत सिंह तलवंडी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पंजाब के महाधिवक्ता (एजी) विनोद घई ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा को सूचित किया कि अधिसूचना दो दिनों के भीतर वापस ले ली जाएगी।
पंजाब सरकार ने 10 अगस्त को जारी अधिसूचना के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों को भंग कर दिया था। अधिसूचना के अनुसार, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के सदस्यों के लिए चुनाव 25 नवंबर तक और ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव 31 दिसंबर तक कराने की बात कही गई थी। तलवंडी के अधिवक्ता बलतेज सिंह सिद्धू ने पत्रकारों को बताया कि महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को भंग करने संबंधी अधिसूचना वापस ले रही है।
पंजाब में 13,241 ग्राम पंचायतें, 152 ब्लॉक समितियां और 22 जिला परिषद हैं। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल उनकी पहली बैठक की तारीख 10 जनवरी, 2019 से शुरू हुआ था और उन्हें कार्यकाल समाप्त होने से छह महीने पहले 10 अगस्त को भंग कर दिया गया। राज्य सरकार ने कहा था कि पंजाब पंचायती राज अधिनियम, 1994 के प्रावधान 209 के तहत पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव कराना उसका संवैधानिक कर्तव्य और अधिकार है।