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Punjab HC: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में तलाक के बाद गुजारा भत्ता मांगने वाली पत्नी के अधिकारों को सुदृढ़ किया है। तलाक के आदेश के बाद भी गुजारा भत्ता देने का न्यायालयों का अधिकार क्षेत्र बरकरार है।
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। तलाक के बाद भी पत्नी स्थायी गुजारा भत्ता मांग सकती हैं। न्यायालय ने कहा कि गुजारा भत्ता निर्धारित करने के लिए विभिन्न कारकों पर विचार करना आवश्यक था। पत्नी तलाक के आदेश के बाद भी स्थायी गुजारा भत्ता देने की कार्यवाही शुरू कर सकती है। उच्च न्यायालय ने यह आदेश पंजाब की एक महिला द्वारा दायर याचिका पर दिया।
यह निर्णय ऐसे मामले में आया है, जहां पारिवारिक न्यायालय ने दोनों पक्षों के बीच विवाह विच्छेद का आदेश सही तरीके से पारित किया, लेकिन तलाक देते समय पत्नी को स्थायी गुजारा भत्ता के रूप में कुछ भी नहीं दिया। मामले में पत्नी ने धारा 25 के अनुसार स्थायी गुजारा भत्ता का दावा करने के लिए न तो परिवार के समक्ष और न ही उच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन दायर किया था।
पीठ ने जोर देकर कहा कि परिस्थितियों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए और पक्षों के साथ न्याय करने के लिए, हमारा विचार है कि अपीलकर्ता-पत्नी को सक्षम न्यायालय के समक्ष स्थायी गुजारा भत्ता देने के लिए अपना दावा प्रस्तुत करने का अधिकार देते हुए, हम अपीलकर्ता-पत्नी द्वारा धारा 25 के तहत दायर किए जाने वाले आवेदन पर संबंधित न्यायालय द्वारा लिए जाने वाले किसी भी अंतिम निर्णय के अधीन अंतरिम स्थायी गुजारा भत्ता के लिए कुछ राशि प्रदान करना उचित समझते हैं।
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