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Punjab News: धान की कटाई के बाद पराली जलाने वालों पर अंकुश के लिए पंजाब सरकार को इस बार भी जद्दोजहद करनी पड़ेगी। इसके संकेत मिलने भी शुरू हो गए हैं। हालांकि धान की फसल की कटाई काफी कम इलाके में शुरू हुई है लेकिन राज्य में अब तक पराली जलाने के कुल 11 केस सामने आ भी गए हैं।
Highlights
पंजाब में धान की कटाई के बाद पराली जलाने के मामले सामने आने लगे हैं। अभी तक राज्य में पराली जलाने के कुल 11 केस सामने आ चुके हैं। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। पंजाब सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान किया है लेकिन इस जुर्माने की वसूली लगभग न के बराबर ही रही है।
पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इनमें से नौ केस जहां अमृतसर में पाए हैं वहीं एक-एक केस तरनतारन और फिरोजपुर में पाया है। यह सभी 11 केस कल 15 सितंबर को ही सामने आ गए थे। संतोष की बात यह रही कि पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक आज सोमवार को पराली जलाए जाने का का केस सामने नहीं आया। पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड हर साल 15 सितंबर से 30 नवंबर तक राज्य में पराली जलाए जाने के केसों की मानिटरिंग करता है।
वैसे पंजाब सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों के लिए आर्थिक दंड का प्राविधान भी किया हुआ है। इसके तहत जहां दो एकड़ तक जमीन की मलकीयत वाले किसान को पराली जलाने पर 2500 रुपए जुर्माना किया जाता है वहीं दो से पांच एकड़ वाली जमीन के किसान को पांच हजार रुपए जुर्माना तय किया गया है।
पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों को 15 हजार रुपए जुर्मान तय किया गया है। पंजाब में पिछले सालों को दौरान जिन जिलों में पराली जलाए जाने की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आयी हैं, उन जिलों में संगरूर, फिरोजपुर, बठिंडा, मोगा, बरनाला, मानसा, तरनतारन और फरीदकोट शामिल रहे हैं।