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Punjab Suicide Case : पंजाब से आश्चर्य करने वाली एक घटना सामने आई है। बता दें कि सरकारी स्कूल में तैनात हेड टीचर ने आत्महत्या कर ली। वजह की बात करें तो स्कूल में बाकी अध्यापक प्रिंसिपल को काफी तंग करते थे। जिस वजह से प्रिंसिपल नें खुदखुशी कर ली। हेड टीचर ने सुसाइड करने से पहले वीडियो बनाई। वीडियो में उक्त अध्यापक नेताओं द्वारा उसे परेशान करने, धमकाने व बेइज्जत करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मृतक की पत्नी के बयान के आधार पर उक्त पांच अध्यापकों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया।
Highlight :
पंजाब में गांव बखोरा कलां के सरकारी स्कूल में तैनात हेड टीचर धर्मवीर सैणी के आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के जिला प्रधान समेत पांच अध्यापकों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया। यह केस मृतक अध्यापक की ओर से मरने से पहले बनाए गए वीडियो के आधार पर दर्ज किया गया है। हेड टीचर ने वीडियो में उक्त अध्यापक नेताओं द्वारा उसे परेशान करने, धमकाने व बेइज्जत करने का आरोप लगाया है।
मृतक की पत्नी रणजीत कौर निवासी मूनक ने बताया कि वह डीएवी स्कूल में अध्यापक के पद पर नौकरी करती है। उसकी शादी 20 वर्ष पहले धर्मवीर सैणी से हुई थी। वे सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बखोरा कलां में बतौर हेड टीचर सेवाएं निभा रहे थे। बता दें कि, आरोपितों की पहचान हरभगवान सिंह निवासी गुरने कलां लहरा, मेघराज निवासी चोटियां लहरा, सतवंत सिंह निवासी आलमपुर, विनोद कुमार निवासी मूनक व डीटीएफ के जिला प्रधान बलवीर लोंगोवाल निवासी लोंगोवाल के रूप में हुई है। हालांकि अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कौर ने बताया उनके पति को मार्च महीने से उसके स्कूल में तैनात पंजाबी अध्यापक हरभगवान सिंह, गणित अध्यापक मेघराज, सामाजिक शिक्षा के अध्यापक सतवंत सिंह, कंप्यूटर अध्यापक विनोद कुमार और डीटीएफ के जिला प्रधान बलवीर लोंगोवाल परेशान कर रहे थे। विभिन्न संगठनों को बुलाकर उनकी बेइज्जती की जा रही है, जिस कारण आहत होकर उन्होंने जहर निगल लिया है।
बताते हैं कि उक्त पांचों अध्यापकों ने अध्यापक संगठनों के आह्वान पर एक दिन की हड़ताल की थी। हेड टीचर ने उनकी गैरहाजिरी के संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित किया था। इसके बाद विभाग ने उक्त सभी अध्यापकों को गैरहाजिर मान उनका एक दिन का वेतन काट दिया था। इसके खिलाफ अध्यापक संगठनों के प्रदर्शन के बाद शिक्षा विभाग ने उनका वेतन जारी कर दिया था। इसके बाद से उक्त अध्यापक लगातार हेड टीचर पर अपनी धोंस जमाते रहते थे।
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