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शानन पावर प्रोजेक्ट: पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, 8 नवंबर तक देना होगा जवाब!

Desk News

पंजाब : शानन पावर प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब सरकारों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों राज्यों के बीच कानूनी लड़ाई में अब उच्चतम न्यायालय की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। यह मामला न केवल ऊर्जा परियोजना से संबंधित है, बल्कि इससे दोनों राज्यों के अधिकारों और हितों पर भी गहरा असर पड़ेगा।

हिमाचल की अपील पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

पंजाब के दीवानी मुकदमे को खारिज करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दिया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है और 8 नवंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है। हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन ने बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप नहीं हो सकता, क्योंकि यह एक संधि और समझौते पर आधारित है, जो अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

शानन पावर प्रोजेक्ट का इतिहास

शानन पावर प्रोजेक्ट का इतिहास काफी पुराना है। 1925 में मंडी के राजा ने भारत सरकार को इस प्रोजेक्ट के लिए 99 साल के लिए जमीन पट्टे पर दी थी। यह पट्टा मार्च 2024 में समाप्त हो रहा है। अब, पट्टे की अवधि खत्म हो गई है, और हिमाचल प्रदेश का इस परियोजना पर वैध दावा बनता है। रतन ने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के लोगों का अधिकार है।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट कहा है कि राज्य को इस परियोजना का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने उच्च न्यायालय में हिमाचल प्रदेश के उचित दावों को पेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सुक्खू ने कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय से मांग करेंगे कि पंजाब सरकार को 31 अक्टूबर तक शानन पावर प्रोजेक्ट को हिमाचल प्रदेश को सौंपने का निर्देश दिया जाए। मुख्यमंत्री ने इस मामले को केंद्र और पंजाब सरकार के साथ भी उठाने का आश्वासन दिया, ताकि परियोजना का शीघ्र हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा सके।