राजस्थान

2020 में वसुंधरा राजे का कांग्रेस मेल, अब गहलोत ने खेला सियासी खेल

Desk Team

देश के कई राज्यों में अगले महीने चुनाव होने है। जिसमें राजस्थान विधानसभा चुनाव भी शामिल है, यहां जैसे-जैसे चुनाव की तारीख पास आ रही है, वैसे-वैसे सरगर्मी भी तेज हो रही है। आपने कई बार राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और विपक्षी पार्टी बीजेपी की नेता वसुंधरा राजे के बीच वार-पलटवार की राजनीति देखी होगी पर आज हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि राजस्थान चुनाव में ऐसे कई पल आएं है जब अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के बीच एक अलग प्रकार की राजनीति परिकल्पना देखने को मिली है।

गहलोत का बड़ा बयान

अभी देखा जाएं तो राजस्थान के चुनाव में बीजेपी ने वसुंधरा राजे को साइडलाइन कर दिया है। अब चुनाव के देखते हुए गहलोत ने एक बार फिर चुनावी चाल चली है। गहलोत ने कहा 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 2020 में उसे गिराने की कोशिश की गई थी, जिसका विरोध वसुंधरा राजे ने किया था, इसी वजह से बीजेपी उन्हें साइड कर रही है।

2020 में सरकार गिराने की कोशिश

गहलोत और राजे की बातों को समझने के लिए हमें सबसे पहले साल 2020 की राजस्थान की घटना को समझना होगा। 2020 में सचिन पायलट ने अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ गहलोत के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। इस समय गहलोत एंड पार्टी ने सीधा-साधा बीजेपी पर आरोप लगाया था पर यहां सबसे दिलचस्प मोड़ ये था कि बीजेपी की तरफ से दो बड़े नेता वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने इस राजनीति खेल का समर्थन नहीं किया था।

राजे को मिला टिकट

राजस्थान में अभी चुनाव से पहले टिकट की राजनीति भले ही चरम पर हो, लेकिन बीजेपी ने अपनी दूसरी उम्मीदवारों की सूची में वसुंधरा राजे को झालरापाटन से अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर राजे चार बार से जीती हुई आ रही है। अब इस बात को राजे समर्थक मान के चल रहे है कि बीजेपी की तरफ से सीएम की रेस में राजे ही दावेदार है।