राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ पार्टी भारतीय जनता पार्टी में बगावत रूकने का नाम नहीं ले रही और टिकट नहीं मिलने के कारण बगावती तेवर अपना रहे नेताओं की संख्या निरंतर बढती जा रही है।
सामान्य प्रशासन मंत्री हेम सिंह भडाना ने अलवर जिले के थानागाजी विधानसभा क्षेत्र से टिकट कटने के कारण नाराज होकर भाजपा छोड़ने का ऐलान कर दिया। वह अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप से चुनाव लड़गे। उन्होंने कहा कि वह अब कभी भाजपा में नहीं लौटेंगे। इससे थानागाजी विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष है। थानागाजी से पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा को टिकट दिया गया हैं।
इसी तरह जिले के रामगढ़ से भाजपा के विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर भाजपा से इस्तीफा दे दिया। रामगढ़ से दो बार विधायक रहे श्री आहूजा ने अपना इस्तीफा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी को भेज दिया। उन्होंने जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के तानाशाह रवैये से परेशान होकर इस्तीफा दे रहे हैं।
भाजपा ने इस बार रामगढ़ से श्री आहूजा का टिकट काटकर पूर्व प्रधान सुखवंत सिंह को दिया हैं। इसके अलावा बानसूर विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे अलवर नगर विकास न्यास के चेयरमेन देवी सिंह शेखावत ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
भाजपा ने अलवर जिले की ज्ञारह विधानसभा सीटों में से आठ पर प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं लेकिन इनमें से कई सीटों पर पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। कठूमर विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक मंगल राम कोली का टिकट काटकर बाबूलाल मैनेजर को दिया गया है। तिजारा विधानसभा के वर्तमान विधायक मामन सिंह यादव का टिकट काटकर नगर परिषद भिवाड़ के चेयरमैन संदीप दायमा को दिया गया है।
इससे भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष है। अलवर शहर से भी विधायक बनवारी लाल सिंघल का टिकट काटकर संजय शर्मा को दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू जल मंत्री सुरेन्द, गोयल एवं नागौर से भाजपा विधायक हबीबुर्रहमान पहले ही भाजपा छोड़ चुके हैं और श्री गोयल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक दी हैं जबकि श्री हबीबुर्रहमान कांग्रेस में शामिल होकर नागौर से टिकट लेने में भी सफल रहे हैं।