राजस्थान

मुख्यमंत्री पद के लिए फैसला आलाकमान ही करता है : अशोक गहलोत 

अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी प्राथमिकता कांग्रेस पार्टी को फिर से मजबूत करना है और मुख्यमंत्री पद का कोई भी मुद्दा इसके बाद आता है। 

Desk Team

मुख्यमंत्री पद के लिये चेहरा पेश करने को लेकर उठे विवाद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि इस बारे में कोई भी फैसला करने का अधिकार पार्टी आलाकमान को है। गहलोत ने कहा कि उनकी प्राथमिकता कांग्रेस पार्टी को फिर से मजबूत करना है और मुख्यमंत्री पद का कोई भी मुद्दा इसके बाद आता है।

उल्लेखनीय है कि पार्टी के एक नेता लालचंद कटारिया ने आगामी विधानसभा चुनावों में गहलोत को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित करने की मांग की थी, ताकि राज्य में कांग्रेस के अस्तित्व को बचाया जा सके। अशोक गहलोत ने इसके बाद खुद कहा था कि "प्रदेश की जनता ने दस साल तक एक चेहरा देखा है"।

गहलोत ने इस बारे में एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, "पार्टी में बिल्कुल कोई विवाद नहीं है, मेरी प्राथमिकता कांग्रेस को मजबूत बनाना है, किसी पद का मुद्दा इसके बाद आता है। मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं, कि पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी मैं राजस्थान के लोगों की सेवा करता रहूंगा।"

उन्होंने कहा, अगर चुनावों में पार्टी जीतती है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदार का फैसला पार्टी आलाकमान करता है और यह फैसला विधायकों व कार्यकर्ताओं की राय के आधार पर होता है। इसके साथ ही अशोक गहलोत ने उनके बयानों को गलत ढंग से पेश किये जाने के लिये मीडिया के एक हिस्से को दोषी ठहराया। गहलोत ने कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदार का कथित विवाद पैदा करने के लिये सत्तारूढ भाजपा पर निशाना साधा।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि प्रदेश की जनता उनसे नाराज है,क्योंकि वह जनता से किये गये वादों पर खरा नहीं उतरी है, और उन्हें धोखा दिया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रस्तावित 'राजस्थान गौरव यात्रा' को गहलोत ने 'कुराज यात्रा' करार दिया।