राजस्थान के हिंसा प्रभावित करौली जा रहे बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया। इसके बाद बीजेपी समर्थकों ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया। वहीं तेजस्वी सूर्या ने कहा कि तानाशाही सरकार हमारे अधिकारों को छीन रही है।
पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि "जहां हम अभी हैं वहां धारा 144 लागू नहीं है। करौली जाना हमारा संवैधानिक अधिकार है। यह तानाशाही सरकार हमारे अधिकारों को छीन रही है, इसलिए हम विरोध कर रहे हैं।" दरअसल, बीजेपी करौली हिंसा के विरोध में आज यहां न्याय यात्रा निकालना चाहती है।
यात्रा से पहले तेजस्वी सूर्य ने एक साइन बोर्ड ट्वीट करते हुए लिखा, "चलो करौली"। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि दौसा में गहलोत सरकार ने भारी पुलिसबल तैनात किया है, जिससे बीजेपी की चलो करौली न्याय यात्रा को रोका जा सके। लिखा गया है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं और यह उनका संवैधानिक हक है।
बीजेपी के हंगामे के बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी करौली पहुंच चुके हैं। यहां ओवैसी ने कहा कि 'करौली दंगा गहलोत सरकार की नाकामी है। मुसलमानों के खिलाफ टारगेटेड वायलेंस किया गया है। माज़ी जैसी घटनाओं से भी गहलोत सरकार ने सबक नहीं लिया।'
राजस्थान के करौली में दो अप्रैल को डीजे पर बजते गानों और नारेबाजी से भड़के लोगों ने पथराव कर दिया था। पथराव के बाद इलाके में हिंसा भड़क गयी थी। घटना में लगभग 35 लोग घायल हो गए थे। जानकारी के मुताबिक, घटना वाले दिन कलेक्ट्रेट सर्किल से रैली में करीब 200 बाइकों पर सवार 400 लोग रवाना हुए थे। रैली के आगे पिकअप में डीजे में गाने बज रहे थे, जबकि प्रशासन ने डीजे व लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करने की शर्त पर ही रैली की अनुमति दी थी।
रैली जब अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र से गुजर रही थी तब रैली में शामिल लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसी के बाद आस-पास के मकानों व दुकानों से रैली में शामिल लोगों व पुलिस पर भारी पथराव शुरू हो गया था। करीब 100-150 व्यक्तियों ने लाठी व डंडे लेकर हमला कर दिया। आगजनी व तोड़फोड़ से दोनों पक्षों की सम्पत्ति को नुकसान हुआ।