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Sakshi malik, Bajrang Punia और Vinesh Phogat के खिलाफ जुटे जूनियर पहलवान

Ravi Kumar

भारतीय कुश्ती में जारी संकट में बुधवार को नया मोड़ आया जब सैकड़ों जूनियर पहलवान अपने कैरियर में एक महत्वपूर्ण साल बर्बाद होने के खिलाफ जंतर मंतर पर जमा हुए और उन्होंने इसके लिये Bajrang Punia, Sakshi malik औरVinesh Phogat को दोषी ठहराया। बसों में भरकर जूनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे।

HIGHLIGHTS

  • डब्ल्यूएफआई दो बार निलंबित हो चुका है
  • Bajrang Punia, Sakshi malik और Vinesh Phogat के खिलाफ जुटे जूनियर पहलवान
  • एक साल पहले जंतर मंतर पर ही दिया था पहलवानों ने धरना

इनमें से करीब 300 बागपत के छपरौली के आर्य समाज अखाड़े से थे जबकि कई नरेला की वीरेंद्र कुश्ती अकादमी से भी थे। अभी भी कई बसों में बैठे हैं और जंतर मंतर पर अपने साथी पहलवानों से जुड़ने की तैयारी में हैं। सुरक्षाकर्मियों को उन्हें काबू करने में काफी परेशानी हुई। ये पहलवान Bajrang Punia, Sakshi malik और Vinesh Phogat के खिलाफ नारे लगा रहे थे। इन्होंने बैनर पकड़ रखे थे जिस पर लगा था कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू हमारी कुश्ती को इन तीन पहलवानों से बचाओ।

करीब एक साल पहले जंतर मंतर पर ही ये तीनों शीर्ष पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर धरने पर बैठे थे। उस समय किसान समूहों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, महिला संगठनों और पहलवानों ने इनका समर्थन किया था। अब कुश्ती समुदाय ही इन पहलवानों के खिलाफ खड़ा है और उन पर अपना करियर बर्बाद करने का आरोप लगा रहा है। जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिविर और प्रतिस्पर्धायें ठप पड़ी है। डब्ल्यूएफआई दो बार निलंबित हो चुका है और तदर्थ समिति खेल का संचालन कर रही है। इन प्रदर्शनकारी पहलवानों ने मांग की है कि निलंबित डब्ल्यूएफआई को फिर बहाल किया जाये और तदर्थ समिति को भंग किया जाये।