रिंग के अंदर विरोधी को कुछ मिनटों में ही धूल चटाने वाली 6 बार वर्ल्ड की चैंपियन M.C Mary Kom ने संन्यास ले लिया है, यह उनके फैंस के लिए हैरान करने वाला है लेकिन सच यही है कि ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम अब आपको मुक्केबाजी करतीं हुई रिंग में नज़र नहीं आएंगी।
HIGHLIGHTS
Mary Kom ने बुधवार रात एक इवेंट के दौरान बॉक्सिंग से संन्यास लेने का ऐलान किया है। भारत की स्टार महिला मुक्केबाज Mary Kom ने अपना आखिरी मुकाबला कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के ट्रायल के दौरान खेला था। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मैरीकॉम 41 वर्ष की हो चुकी हैं और अंतराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ पुरुष और महिला मुक्केबाजों को केवल 40 वर्ष की आयु तक ही प्रतियोगिता में लड़ने की अनुमति देता है। यही वजह है कि मैरी कॉम को संन्यास का फैसला लेना पड़ा।
बुधवार रात को एक इवेंट के दौरान Mary Kom ने बॉक्सिंग से संन्यास का ऐलान किया। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा
मेरे अंदर अभी भी भूख है, लेकिन उम्र के बंधन के कारण मैं अब किसी भी मुकाबले में भाग नहीं ले पाऊंगी। मैं खेलना चाहती हूं, लेकिन मुझे बॉक्सिंग छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मैं मजबूर हूं और इसी वजह से मुझे संन्यास लेना पड़ रहा है.
Mary Kom का करियर रहा है शानदार, नाम किये हैं कई खिताब
Mary Kom ने बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। Mary Kom विश्व की पहली महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने 6 बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है। वहीं मैरी कॉम 2014 के एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला है। 2006 में Mary Kom को पद्मश्री, 2009 में उन्हें देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। Mary Kom ने सन् 2001 में प्रथम बार नेशनल वुमन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती। अब तक वह 10 राष्ट्रीय खिताब जीत चुकी है। बॉक्सिंग में देश का नाम रोशन करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2003 में उन्हे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया एवं वर्ष 2006 में उन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 29 जुलाई, 2009 को वे भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुनीं गयीं। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्त्रीत्व को नई परिभाषा देकर अपने शौर्य बल से नए प्रतिमान गढ़ने वाली विश्व प्रसिद्ध मुक्केबाज श्रीमती एमसी मैरी कॉम 17 जून 2018 को वीरांगना सम्मान से विभूषित किया गया। उन्होंने 2019 के प्रेसिडेंसीयल कप इोंडोनेशिया में 51 किग्रा भार वर्ग में यह स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की अप्रैल फ्रैंक को 5-0 से हराकर यह स्वर्ण पदक जीता। नई दिल्ली में आयोजित 10 वीं एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 24 नवंबर, 2018 को उन्होंने 6 विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली महिला बनकर इतिहास बनाया।