केंद्र सरकार की ओर से फर्जी सिम कार्ड के खिलाफ बहुत बड़ा एक्शन लिया गया है। जिसमें 55 लाख से अधिक नंबरों को बंद कर दिया गया है। आइये जानते हैं आखिर किस कारण सरकार ने ऐसे सिम कार्ड्स पर शिकंजा कसा है।
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ऐसा पहली बार नहीं है जब फर्जी सिम कार्ड और नंबर्स के खिलाफ सरकार ने नए कदम उठाए हैं, इससे पहले भी सरकार ने ऐसे कड़े एक्शन लिए हैं। बता दें, हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह दावा किया गया है कि सरकार की ओर से लगभग 55 लाख से अधिक नंबर को बंद कर दिया है। गौरतलब हो सरकार की ओर से वेरिफिकेशन अभियान चल रहा था और ये नंबर वेरिफिकेशन में संदिग्ध पाए गए थे, जिसके बाद इनको बंद कर दिया गया है। इस अभियान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रेकग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन (ASTR) की तरफ से 67 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन की पहचान की गई थी।
सरकार द्वारा चलाए गए इस अभियान में 55.52 लाख नंबर री-वेरिफिकेशन सब्सक्राइब करने में फेल हो गए थे। लोकसभा में सरकार की तरफ से ये इसकी जानकारी दी गई है। शॉपिंग- मेगा इलेक्ट्रॉनिक डेज़ सेल (9-17 दिसंबर)-लैपटॉप, स्मार्टवॉच, हेडफोन आदि पर 75% तक की छूट | सरकार ने बताया कि 70 हजार से अधिक सिम एजेंट इन मोबाइल कनेक्शन को बेचने में शामिल थे। उन्हें भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और 1890 पॉइंट ऑफ सेल (POS) के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। 1,31,961 मोबाइल हैंडसेंट्स भी इसमें शामिल पाए गए हैं। साइबर क्राइम/फ्राइनेंशियल फ्रॉड्स को देखते हुए इन सभी मोबाइल हैंडसेट्स को भी ब्लॉक कर दिया गया है। बता दें, भारत में फर्जी सिम के माध्यम से बहुत से गलत कामों को अंजाम दिया जाता है, इन सब बातों को देखते हुए सरकार समय-समय पर सख्त कदम उठाती रहती है। इसलिए सरकार के इस एक्शन को कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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