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Andhra Pradesh : चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती परियोजना को फिर से किया शुरू

Andhra Pradesh : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को राजधानी शहर के कार्यों को औपचारिक रूप से फिर से शुरू करते हुए उन्हें पूरा करने के लिए तीन साल की समयसीमा तय की।

Abhishek Kumar

Andhra Pradesh : अमरावती परियोजना को फिर से किया शुरू

चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एपी-सीआरडीए) के मुख्यालय पर काम फिर से शुरू करने के बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा आखिरकार नियति को अपना रास्ता मिल गया। पांच साल की उपेक्षा और कुचली हुई आशाओं के बाद अमरावती आज फिर से उभरी है। हमारे लोगों की राजधानी का अब पुनर्निर्माण किया जाएगा। ईंट से ईंट, दिल से दिल।उन्होंने कहा, मैं आंध्र प्रदेश के लोगों को बधाई देता हूं, क्योंकि हमने आज राजधानी शहर के अपने सपने को फिर से प्राप्त किया है। विशेष रूप से हमारे किसान बहनों और भाइयों को जिन्होंने अपने विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से हमारे सपने को जीवित रखा और हर क्रूरता के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे। आज से काम फिर से शुरू हो रहा है।

Andhra Pradesh : 2019 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद राजधानी शहर के काम रोक दिए गया था, क्योंकि सरकार ने राज्य की तीन राजधानियां विशाखापत्तनम, कुरनूल और अमरावती बनाने की योजना की घोषणा की थी।इस साल जून में टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए की भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री के रूप में लौटने के बाद उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम फिर से शुरू कर दिया।नायडू ने 52,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ग्रीनफील्ड राजधानी शहर के विकास को पूरा करने के लिए तीन साल की समय सीमा तय किया है।

मुख्यमंत्री ने परियोजना को लेकर क्या कहा ?

Andhra Pradesh : मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि विशाखापत्तनम को वित्तीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जबकि कुरनूल में उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित की जाएगी। वहीं टीडीपी प्रमुख ने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी की पिछली सरकार ने 2019 और 2024 के बीच अपनी प्रतिशोधी राजनीति के तहत अमरावती को बर्बाद कर दिया। साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि टीडीपी सरकार ने 2014-19 में 29,881 किसानों से 34,241 एकड़ जमीन ली थी और लगभग 4,300 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कहते रहे हैं कि अमरावती एक स्व-वित्तपोषित परियोजना होगी, लेकिन पिछली सरकार के मुखिया ने झूठ फैलाया कि इसकी लागत एक लाख करोड़ रुपये होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका विजन 2047 राज्य के विकास के लिए है, लेकिन '420' वाले लोग उनके विजन को नहीं समझ सकते।