यूएनएससी की सदस्यता वाली बात जी20 की बैठक के दौरान ही चल रही थी जहां कई देशों का यह कहना था कि भारत को इसका परमानेंट सदस्य बन जाना चाहिए। बता दे की ऐसी सदस्यता को लेकर ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने एक बड़ा बयान दिया है जिसमें उन्होंने यूएनएससी के स्थाई सदस्यता को लेकर इन देशों को इसका परमानेंट सदस्य बनाने का सुझाव दिया है। जी हां मंगलवार के दिन काउंसिल ओं फॉरेन रिलेशनशिप में उन्होंने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी के दौरान कहा कि "मैं यह कह कर संक्षेप में बताऊंगा कि दुनिया हमारे सामने जो चुनौतियां पेश करती है वह काफी बड़ी है हमारे पास सकारात्मक प्रगति करने का अवसर है हमारे पास सब कुछ पाने का अवसर है लेकिन विकास लक्ष्य को पटरी पर लाने का एक अलग तरीका है। " चली जानते हैं कि आखिरकार उन्होंने क्या-क्या कहा है?
क्या कहा ब्रिटेन के विदेश सचिव ने ?
क्लेवरली ने कहा "इसका मतलब यह है कि हम अपने पारंपरिक मित्रों और सहयोगियों के साथ काम करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि हमें दुनिया में उभरती शक्तियों को आवाज देनी होगी। उदाहरण के लिए, यूके ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार को प्रोत्साहित किया है, हम उनका मानना है कि भारत, ब्राजील, जर्मनी, जापान को स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए और अफ्रीका वास्तव में विश्व मंच पर ऊंची आवाज का हकदार है।"
उन्होंने आगे कहा की विशेष रूप से, वैश्विक प्रणालियों में सुधार भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वैश्विक मंचों पर लगातार उठाया जाने वाला मुद्दा रहा है। दिल्ली में G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में अपने समापन भाषण के दौरान, पीएम मोदी ने वैश्विक प्रणालियों को "वर्तमान की वास्तविकताओं" के अनुसार बनाने के अपने रुख को दोहराया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का उदाहरण लिया।