पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल एल रामदास ने आज स्पष्ट किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दिसम्बर 1987 में युद्धपोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल सरकारी यात्रा के लिए किया था और उनके साथ केवल उनकी पत्नी सोनिया गांधी थी।
एडमिरल रामदास ने यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बुधवार को एक चुनाव रैली में दिये गये इस वक्तव्य पर कही कि श्री गांधी छुट्टियां मनाने के लिए आई एनएस विराट पर गये थे और अपने साथ पूरा परिवार तथा इटली के अपने ससुराल वालों को ले गये थे तथा उन्होंने इसका इस्तेमाल निजी टैक्सी के तौर पर किया था।
एडमिरल रामदास ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि उनका बयान खुद की तथा आईएनएस विराट के तत्कालीन कमांडिंग अफसर वाइस एडमिरल विनोद पसरीचा, विराट को एस्कार्ट कर रहे आईएनएस विंध्यगिरी के तत्कालीन कमांडर एडमिरल अरूण प्रकाश और आईएनएस गंगा के तत्कालीन कमांडर वाइस एडमिरल मदनजीत सिंह से मिली जानकारी पर आधारित है।
पूर्व नौसेना प्रमुख ने कहा कि श्री गांधी तिरूवनंतपुरम में एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे जिसके बाद उन्हें लक्षद्वीप में एक अन्य सरकारी कार्यक्रम 'द्वीप विकास प्राधिकरण की बैठक' में हिस्सा लेना था। यह बैठक लक्षद्वीप और अंडमान में बारी- बारी होती है। इस बैठक में शामिल होने के लिए श्री गांधी तिरूवनंतपुरम से अपनी पत्नी के साथ आईएनएस विराट में सवार हुए थे। उस समय उनके साथ कोई विदेशी नहीं था। उन्होंने कहा कि दक्षिणी नौसेना कमान के प्रमुख होने के नाते वह भी आईएनएस विराट पर उनके साथ थे।
उन्होंने कहा कि यह सही है कि श्री गांधी और श्रीमती गांधी हेलिकॉप्टर से स्थानीय अधिकारियों से और अन्य लोगों से मिलने गये थे। इस हेलिकॉप्टर में भी ये दोनों ही थे और उनके साथ कोई अन्य व्यक्ति नहीं था। बंगारम द्वीप पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए कुछ नौसैनिक गोताखोरों को भी भेजा गया था। पूर्व नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना के युद्धपोतों का अभ्यास काफी पहले से ही दिसम्बर में वहां निर्धारित था और इसके लिए किसी भी युद्धपोत को कहीं से हटाकर नहीं भेजा गया। विराट के साथ चार अन्य युद्धपोत भी इस अभ्यास बेड़ में शामिल थे। उन्होंने कहा कि आईएनएस विराट पर 'बड़ खाना' का आयोजन किया गया था और उन्होंने प्रधानमंत्री के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया था।
पूर्व नौसेना प्रमुख ने कहा कि कवरत्ती द्वीप पर प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी के लिए आपात चिकित्सा जरूरतों के मद्देनजर केवल एक छोटे हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया था।