अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण की जनसेना पार्टी (JSP) बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से बाहर आ गई है। गुरुवार को पवन कल्याण ने इसकी घोषणा की। कृष्णा जिले के पेडाना में अपनी वाराही यात्रा के हिस्से के रूप में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह कठिन समय में TDP का समर्थन करने के लिए NDA से बाहर आए हैं। उन्होंने कथित कौशल विकास घोटाले में TDP नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा, "मुश्किलों के बावजूद हम NDA में शामिल हुए थे। अब हम सामने आए हैं और TDP को 100 प्रतिशत समर्थन दिया है क्योंकि यह कठिन समय से गुजर रही है।"
पवन कल्याण, जिन्होंने पिछले महीने राजमुंदरी जेल में नायडू से मुलाकात की थी, ने कहा कि आंध्र प्रदेश को लड़ने के लिए TDP के चार दशकों के अनुभव और जन सेना की युवा ताकत की जरूरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि TDP-JSP गठबंधन 2024 में सत्ता में आएगा।यह पहली बार है कि पवन कल्याण ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि जनसेना NDA से बाहर आ गई है। वह 18 जुलाई को दिल्ली में हुई NDA की बैठक में शामिल हुए थे। बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि जनसेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का समर्थन करेगी।
पवन कल्याण ने पहले कहा था कि वह जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए बीजेपी के रोड मैप का इंतजार कर रहे हैं। जाहिर तौर पर यह महसूस करते हुए कि बीजेपी दोबारा TDP से हाथ मिलाने को तैयार नहीं है, पवन कल्याण ने TDP के साथ जाने का फैसला लिया। अभिनेता ने कहा कि 2021 में उन्होंने YSR कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बाहर करने के लिए वोटों के विभाजन से बचने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ आने का फैसला लिया। जनसेना नेता ने याद किया कि 2014 में उन्होंने आंध्र प्रदेश के सुनहरे भविष्य के लिए नरेंद्र मोदी और चंद्रबाबू नायडू को समर्थन दिया था। लगभग 10 वर्ष बीत गये लेकिन दुर्भाग्यवश यह लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। अतीत में जो हुआ उस पर पछतावा करने से कोई फायदा नहीं है।
उन्होंने कहा, अब हमें भविष्य की ओर देखना होगा। पवन कल्याण ने 2014 के चुनाव में TDP-BJP गठबंधन के लिए प्रचार किया था। गठबंधन राज्य में सत्ता में आ गया था, लेकिन बाद में उन्होंने आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी राज्य का वादा पूरा करने में विफल रहने के लिए दोनों पार्टियों से दूरी बना ली। 2018 में, TDP ने भी भाजपा पर राज्य के लिए की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उससे नाता तोड़ लिया था। जनसेना ने 2019 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी (BSP) और वामपंथी दलों के साथ गठबंधन में लड़ा। हालांकि, गठबंधन को धूल चाटनी पड़ी। 175 सदस्यीय विधानसभा में जनसेना सिर्फ एक सीट जीत सकी थी।