18 सितंबर से लेकर 22 सितंबर के बीच हमारे नए संसद भवन में नई विचारधारा के साथ एक नई बैठक बुलाई गई जिसमें नए-नए मुद्दों को सांसदों के सामने रखा गया जिसमें एक ऐसा मुद्दा भी था जिसको भारी मतों से वोट मिला है। संसद के अंदर चल रही विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में 20 सितंबर के दिन महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया गया जहां इस बिल पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे थे बता दे कि आज 21 सितंबर के दिन यह बिल राज्यसभा में भी पेश किया जाएगा। यही एक ऐसा मात्र बिल है जिसको लेकर विपक्ष भी भाजपा सरकार के साथ अपनी सहमति दिख रही है और अपने पुराने सपनों को गिनवा रही है कि कैसे कांग्रेस इस आरक्षण को लेकर सपने देखा करता था। चलिए आपको एक-एक पॉइंट करके सभी जानकारी देते हैं कि आखिरकार बिल को पास करते वक्त संसद में क्या-क्या हुआ?
विपक्षी दलों ने दिया भाजपा का साथ!
नई संसद के अंदर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ही मंगलवार के दिन महिला आरक्षण से जुड़े विधेयक को पेश किया था इस विधेयक में लोकसभा विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण देने का प्रावधान था। जहां लोकसभा के अंदर इस बिल पर करीबन 8 घंटे की लंबी चर्चा हुई फिर इस पर वोटिंग भी की गई इसके पक्ष में 454 वोट मिले हैं तो वही दो वोट ऐसे हैं जो इसके विपक्ष में है।
किसने नहीं किया समर्थन?
इस विधेयक का विपक्षी दलों ने भी काफी समर्थन दिखाए जी हां सदन में कांग्रेस सपा डीएमके टीएमसी समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक को लेकर अपना समर्थन दिखाया हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस ए इतेहादुल मुस्लिमीन ने इस विधेयक का विरोध किया जिसमें उसके दो सदस्य थे।
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
इस बिल के पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए एक्सपर्ट पोस्ट किया कि लोकसभा में संविधान विधायक 2023 के इस तरह के अभूतपूर्व समर्थन के साथ पारित होने पर काफी खुशी हुई है इस महिला सशक्तिकरण होगा और राजनीतिक प्रक्रिया में उनकी और भी भागीदारी बढ़ेगी।