हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं में भगवान गणेश का रूप सबसे निराला है। भगवान गणेश सर्वप्रथम पूजनीय देवता माने जाते हैं। ऐसे में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य करने से पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा और वंदना की जाती है। हर तरह की पूजा और अनुष्ठान में सबसे पहले इनका आवाहन किया जाता है, ताकि शुभ कार्य निर्विघ्न पूरा हो सके।
मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश की पूजा करने से विध्न दूर होते हैं और सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती है। भगवान गणेश को मोदक, दूर्वा, पान और सिंदूर बहुत ही प्रिय होती है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिसे भगवान गणेशी की पूजा में अर्पित करना वर्जित माना जाता है।
भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान लोग बप्पा को अपने घर लाते हैं और उनकी सेवा करते हैं। इस वर्ष गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर 2023 से हो रहा है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन यानी 28 सितंबर को बप्पा के विसर्जन के साथ होगा।
आइए जानते हैं कौन-कौन सी चीजें भगवान गणेश की पूजा के दौरान नहीं चढ़ाना चाहिए।
न चढ़ाएं सफेद चीजें- गणेश जी को सफेद चीजें जैसे – सफेद रंग के फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि सफेद चीजों का संबंध चंद्रमा से माना गया है।
तुलसी के पत्ते- शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा और वंदना में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना वर्जित होता है। जो भक्त भगवान गणेश को तुलसी अर्पित करते हैं उनकी पूजा कभी भी स्वीकार नहीं होती है।
अक्षत-शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा और स्तुति में कभी भी टूटे हुए अक्षत का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। टूटे हुए अक्षत अर्पित करने पर भगवान गणेश क्रोधित हो सकते हैं ऐसे में भूलकर भी कभी टूटे अक्षत का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
केतकी का फूल-भगवान गणेश जी को कभी भी केतकी के फूल को उन्हें अर्पित नहीं करना चाहिए। भगवान गणेश को दूर्वा, गुलाब और गेंदे का फूल बहुत ही प्रिय होते हैं।