सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के संबंध में एजेंसी के पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया। इससे पहले रविवार को एक अप्रत्याशित कदम के तहत सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ इस आरोप को लेकर मामला दर्ज किया है कि मांस कारोबारी मोईन कुरैशी से जुड़े एक मामले में जिस एक आरोपी के विरुद्ध वह जांच कर रहे थे। और इस मामले में उन्होंने रिश्वत ली। दो महीने पहले अस्थाना ने कैबिनेट सचिव से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ यही शिकायत की थी।
CBI ने निदेशक के खिलाफ आरोपों को 'मिथ्या और दुर्भावनापूर्ण' करार दिया
सीबीआई ने अपने निदेशक आलोक वर्मा का विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के आरोपों से बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप 'मिथ्या और दुर्भावनापूर्ण' हैं। सीबीआई ने राकेश अस्थाना ने खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज किया है। अस्थाना ने कैबिनेट सचिव और केन्द्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिख कर सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और अनियमितता के कम से कम 10 मामलों का जिक्र किया था।
सीबीआई के प्रवक्ता ने देर रात जारी एक बयान में कहा कि सतीश साना के खिलाफ एलओसी जारी होने की जानकारी सीबीआई के निदेशक को नहीं थी, जैसे आरोप सही नहीं हैं। उन्होंने कहा, ''डीसीबीआई ने 21 मई 2018 को एलओसी जारी करने के प्रस्ताव को देखा और उसे ठीक भी किया था।'' उन्होंने कहा कि आरोप कि सीबीआई के निदेशक ने साना की गिरफ्तारी को रोकने का प्रयास किया था, पूरी तरह से झूठ और दुर्भावनापूर्ण है।
वहीं विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर 3 करोड़ रुपए घूस लेने के आरोप लगने के बाद अब अस्थाना ने अपनी ही संस्था के निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) से शिकायत की है। अस्थाना का आरोप है कि वर्मा ने खुद 2 करोड़ रुपए रिश्वत ली, इसलिए अपने को बचाने के लिए उनके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं। दूसरी ओर, सीबीआई ने एक बयान में अस्थाना के आरोप को झूठ और बेबुनियाद बताया है।