द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण को बरकरार रखने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर करेगी। पार्टी के इस कदम का कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने स्वागत किया है।
द्रमुक महासचिव और तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन ने न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ के 3-2 के बहुमत के फैसले की ओर इशारा किया और कहा कि यह संविधान द्वारा परिकल्पित समानता की अवधारणा को प्रभावित करेगा।
उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा, "द्रमुक की ओर से अनुसूचित जाति/जनजाति की 82 फीसदी आबादी के सामाजिक न्याय की रक्षा, संविधान के बुनियादी ढांचे की रक्षा और मंडल आयोग में दिए गए आरक्षण को स्थापित करने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।"
तमिलनाडु में शिवगंगा से कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने द्रमुक के कदम का स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मैं ईडब्ल्यूएस कोटा का विरोध करता हूं क्योंकि यह बांटने वाला है और समावेशी नहीं है।" भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ने सोमवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण को अपने प्रयासों की जीत बताते हुए उसका श्रेय लेने की कोशिश की थी।
शिवगंगा से लोकसभा सदस्य ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''यदि 'आर्थिक' मानदंड लागू किया जाता है, तो यह 'जाति' के आधार पर लोगों को बाहर नहीं कर सकता है, यह ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर मेरी मौलिक आपत्ति है।''