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अडाणी समूह में विदेशी निवेश करने वाले कोष के खातों के मामले में चुप्पी तोड़े मोदी सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि सरकार को अडाणी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले कुछ एफपीआई खातों को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा कथित तौर पर ‘फ्रीज’ किए जाने पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।

Desk Team
कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि सरकार को अडाणी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले कुछ एफपीआई खातों को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा कथित तौर पर 'फ्रीज' किए जाने पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि सरकार को उन विदेशी निवेश कोषों के पीछे के व्यक्तियों की जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए, जिन्होंने अपने 95 फीसदी से अधिक के कोष का उपयोग अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश के तौर पर किया है। वल्लभ के मुताबिक, कुछ खबरों में यह कहा गया है कि एनएसडीएल ने अडाणी समूह की कपंनियों में निवेश करने वाले तीन विदेशी निवेशकों- अलबुला इन्वेस्टमेंट क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड के खातों को 'फ्रीज' कर दिया गया है।
उन्होंने दावा किया कि ये तीनों फंड मॉरीशस के पोर्ट लुई में एक ही पते पर पंजीकृत हैं तथा इन्होंने अडाणी समूह की चार कंपनियों में 43,500 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी खरीद रखी है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एनएसडीएल और वित्त मंत्रालय को चुप्पी तोड़नी चाहिए और सच बताना चाहिए। गौरतलब है कि अडाणी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले एफपीआई खातों को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा 'फ्रीज' करने की खबरों के बाद समूह की कंपनियों के शेयर 25 प्रतिशत तक टूट गए।
हालांकि, गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह ने कहा है कि उसके पास इस बारे में लिखित स्पष्टीकरण है कि इन तीन विदेशी कोषों के खातों को फ्रीज नहीं किया गया है और इस बारे में खबरें भ्रामक हैं। ये तीन विदेशी कोष समूह की कंपनियों में शीर्ष शेयरधारक हैं।