प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तेज हमला करते हुए बुधवार को कहा कि 'नामदार' के 'राजदरबारी' निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले नक्सलियों और माओवादियों को क्रांतिकारी कहते हैं । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्हें मूंग और मसूर में फर्क नहीं पता वह किसानो की बात करता है ।
भरतपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने 'छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रक्रिया के दौरान भरतपुर के एक जवान के शहीद होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा,' उस (जवान) को मौत के घाट उतारने वाले माओवादी, नक्सलवादी, हिंसावादी लोगों को नामदार के राजदरबारी, उनके खासम खास, उनके राज्यसभा सदस्य बेशर्मी के साथ कहते हैं कि माओवादी, नक्सलवादी हिंसावादी तो क्रांतिकारी है।'
प्रधानमंत्री मोदी अपने चुनावी भाषण में प्राय: राहुल गांधी को नामदार व खुद को कामदार बताते हैं। मोदी ने कहा कि नामदार ने ऐसी पार्टी बनाई कि उसके लोग हमारे सेनाध्यक्ष के लिए रास्ते चलता गुंडा शब्द प्रयोग कर सकते हैं। मोदी ने सवाल उठाया,' क्या ऐसे लोग सेना का भला करेंगे? और सेना का भला नहीं होगा तो आपकी रक्षा होगी क्या?'
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने पिछले महीने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को 'रास्ते का गुंडा' बताया था। भाजपा ने इस पर आपत्ति जताते हुए दीक्षित को पार्टी से निकालने की मांग की। हालांकि कांग्रेस ने खुद को दीक्षित के इस बयान से अलग कर लिया और उन्होंने भी बाद में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी।
मोदी ने कांग्रेस पर देश के शहीदों का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा,'हमने सेना में वन रैंक, वन पेंशन लागू की। कांग्रेस ने इस पर कभी काम ही नहीं किया।'
उन्होंने कहा,'सेना के जवान 40 साल से वन रैंक वन पेंशन की मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस वालों ने कभी सुनी नहीं। क्योंकि उनके लिए यह मुद्दा ही नहीं था। लेकिन देश की सेना का सम्मान करने के संस्कार करने के कारण हमने आकर वन रैंक वन पेंशन लागू किया और 11000 करोड़ रुपये उन्हें दिया।'
मोदी ने कहा कि जनता ने अपने वोट की ताकत से उन्हें चुना तो देश में सेना को वन रैंक वन पेंशन मिले, देश में बम धमाके बंद हुए और सर्जिकल स्ट्राइक हुई । आपकी वोट की ताकत के कारण देश में अच्छे काम हो रहे हैं।
मोदी ने उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश व गुजरात का हवाला देते हुए कहा कि जहां जहां से कांग्रेस पार्टी गयी वहां विकास का आना तय है।
किसान बहुल भरतपुर में मोदी ने किसानों को केंद्र में रखकर कांग्रेस पर तीखे हमले किए और आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रपट पर ध्यान नहीं दिया।
मोदी ने कहा,'स्वामीनाथन आयोग ने किसानों की भलाई के लिए अपनी रपट दस साल पहले तत्कालीन संप्रग सरकार को सौंपी थी। अगर इनके दिल में किसानों प्रति थोड़ी सी हमदर्दी होती तो वे उसे लागू करते और किसानों को उनका हक देते।
उन्होंने कहा कि आज ये नामदार जिसे यह भी समझ नहीं कि चने का पौधा होता कि चने का पेड़ … जिसे मूंग व मसूर में फर्क की समझ नहीं वह किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहा है। किसानों के नाम पर भड़का रहा है।'
मोदी ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री अगर सरदार वल्लभाई पटेल होते तो आज किसान ऐसी बुलंदियों पर होते जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता।