देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई का मसला अभी सुलझा भी नही था कि अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केंद्र की मोदी सरकार के बीच भी तनातनी की खबरें आने लगीं हैं। ऐसी खबरें डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के उस बयान के बाद आ रहीं हैं, जिसमें उन्होंने देश के इस केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर आवाज बुलंद की थी। इस बीच RBI कर्मचारियों के संगठन ने डिप्टी गवर्नर का समर्थन किया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की मानें तो रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के बयान के बाद टकराव सार्वजनिक होने से केंद्र सरकार परेशान और नाराज है। केंद्र को आशंका है कि इस वाकये से इनवेस्टर्स की नजर में देश की छवि खराब हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर (पीएमओ) में तैनात एक अफसर ने पूरे घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि इस तरह से मामला सार्वजनिक नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार काफी परेशान है, हालांकि, सरकार को RBI से तो ऐसी उम्मीद नहीं थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक अन्य अफसर ने कहा कि सरकार RBI की स्वायत्तता और स्वतंत्रता की की सम्मान करती है। मगर उन्हें अपनी जिम्मेदारियों से भी वाकिफ होना चाहिए।
बता दें कि शुक्रवार को अपने एक 'विस्फोटक बयान' में डिप्टी गवर्नर आचार्य ने RBI की स्वायतत्ता को कमजोर करने की सरकारी कोशिशों पर सवाल उठाए थे। कहा कि इससे बाजार और देश के आर्थिक हालात पर विपरीत असर पड़ सकता है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। RBI में नंबर दो माने जाने वाले आचार्य ने यह बयान मुंबई में शीर्ष उद्योगपतियों के इवेंट में दिया और कहा कि उन्हें गवर्नर उर्जित पटेल ने इस बात को उठाने के लिए सुझाव दिया था। उधर सोमवार को ऑल इंडिया रिजर्व बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन ने कहा-देश के केंद्रीय बैंक को कमजोर करने की कोशिशों का विरोध किया जाएगा।
राहुल बोले-पटेल बचा रहे RBI को
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी RBI और सरकार के बीच विवाद की खबरों पर बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि यह देखना सुखद है कि आखिरकार RBI गवर्नर उर्जित पटेल केंद्रीय बैंक को पीएम नरेंद्र मोदी से 'बचा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि देश भाजपा-आरएसएस को संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा.पटेल और 'टीम मोदी' के बीच टकराव की खबरों के बाद गांधी ने कहा कि गवर्नर के RBI के बचाव में आने में कोई विशेष देरी नहीं हुई है। गांधी ने ट्वीट किया, "यह अच्छा है कि आखिरकार पटेल RBI को 'मिस्टर 56′ से बचा रहे हैं। कभी नहीं से विलंब बेहतर। भारत भाजपा/आरएसएस को हमारी संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा।