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PM मोदी ने कृषि कुंभ की शुरूआत की, कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी अपनाने पर दिया जोर

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए लखनऊ में ‘कृषि कुंभ’ को संबोधित किया। उन्होंने विश्‍वास जताया कि इस कृषि कुंभ

Desk Team

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए लखनऊ में 'कृषि कुंभ' को संबोधित किया। उन्होंने विश्‍वास जताया कि इस कृषि कुंभ से कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी अपनाने और बेहतर अवसर सृजित करने का मार्ग प्रशस्‍त होगा।

प्रधानमंत्री के संबोधन के साथ ही राजधानी लखनऊ में आज से तीन दिवसीय कृषि कुंभ (26से 28 अक्टूबर) का आगाज हो गया। इस आयोजन में कई देशों के कृषि विशेषज्ञ, कंपनियां और प्रतिनिधि भाग लेंगे।

आज के समारोह में इजराइल के सहयोग से बस्ती में स्थापित 'सेन्टर आफ एक्सीलेंस फार फ्रूट्स' तथा कन्नौज में स्थापित 'सेन्टर आफ एक्सीलेंस फार वेजीटेबलस' का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया। इसके अलावा जापान और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। इसके अनुसार जापान की कम्पनियां उत्तर प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में अधिक से अधिक पूंजी निवेश करेंगी।

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने खाद्यान्‍न की खरीद में उल्‍लेखनीय वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्‍होंने जोर देते हुए कहा कि "किसानों की बदौलत ही देश आगे बढ़ता है। उन्‍होंने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए केन्‍द्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।" इस संदर्भ में उन्‍होंने कच्‍चे माल की लागत कम करने और मुनाफा बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्‍न कदमों का उल्‍लेख किया।

उन्‍होंने कहा कि निकट भविष्‍य में बड़ी संख्‍या में सोलर पम्‍प देश भर के खेतों में लगाए जाएंगे। सरकार विज्ञान के लाभ कृषि क्षेत्र को सुलभ कराने की दिशा में काम कर रही है। उन्‍होंने कहा कि वाराणसी में चावल शोध केन्‍द्र स्‍थापित किया जा रहा है, जो इस दिशा में एक अहम कदम है।

प्रधानमंत्री ने इस कृषि कुंभ के दौरान जल संसाधनों के समुचित उपयोग, भंडारण के लिए बेहतर तकनीक अपनाने और खेती-बाड़ी में नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल करने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की जरूरत बताई। उन्‍होंने ऐसी नई प्रौद्योगिकियां एवं तौर-तरीके विकसित करने की जरूरत पर विशेष बल दिया, जिससे आगे चलकर किसानों को पराली जलाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि गरीब हितैषी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से बदल रहा है। किसानों की आय दोगुनी से अधिक होने के साथ ही देश का किसान 2022 तक और मजबूत हो जायगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा प्रदेश जितना विशाल है और जो हमारी मिट्टी की उपज क्षमता है उसे देखते हुए यह पूरे विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है किन्तु ऐसा न हो पाने का मुख्य कारण तकनीक तथा जागरूकता का अभाव है।
उन्होंने कहा कि कृषि कुम्भ में आये किसान यदि यहां मौजूद अंतरराष्ट्रीय कृषि विशेषज्ञों के तकनीकी ज्ञान का भलीभांति उपयोग कर सके तो इसमें कोई संदेह नहीं कि सन् 2022 तक उनकी आय दोगुनी से अधिक हो जायेगी।

इस अवसर पर भारत में इजराइल की प्रभारी राजदूत माया कार्डोस ने कहा कि कृषि भारत तथा इजराइल के बीच सहयोग का प्रमुख स्तंभ है। उन्होंने घोषणा की कि इजराइल उत्तर प्रदेश में और भी सेन्टर आफ एक्सीलेंस स्थापित करेगा। जापान के सहायक उप कृषि मंत्री तकामी नकायदा ने बताया कि जापानी कम्पनियां उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश की इच्छुक हैं जो कृषि कुम्भ के अंतिम दिन अर्थात रविवार को कृषि मेले में उपस्थित किसानों को कृषि में सौर उर्जा सहित अनेक तकनीकों की जानकारी देंगीं।