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महाराष्ट्र की सता में हो सकता है बड़ा उलटफेर, 4 दशक बाद शिवसेना ने समाजवादी पार्टियों से मिलाया हाथ

Desk Team

महाराष्ट्र से रविवार (15 अक्टूबर) को एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई. दरअसल, करीब चार दशकों से समाजवादी पार्टियों से चली आ रही शिवसेना की दूरी खत्म हो गई है। उद्धव ठाकरे ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सोशलिस्ट पार्टियों संग शिवसेना (यूबीटी) का गठबंधन किया है। यह गठबंधन अगले साल होने वाले नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण है, जिसमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) भी शामिल है। शिवसेना में टूट होने के बाद इस चुनाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब देखना होगा कि उद्धव को इस गठबंधन का फायदा मिलता है या नहीं।

संबद्ध संगठनों की बैठक में उद्धव ठाकरे का बयान 

बांद्रा के एमआईजी क्लब में आयोजित 21 समाजवादी राजनीतिक दलों, समूहों और संबद्ध संगठनों की बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि, "कैडर बहुत महत्वपूर्ण है और अगर राजनीतिक दलों के पास कैडर है तो डरने की कोई बात नहीं है। हमारे समाजवादियों के साथ वैचारिक मतभेद भले ही थे, लेकिन हमारा उद्देश्य एक ही था. अगर हम बैठकर बात करें तो मतभेद दूर हो सकते हैं।

बीजेपी सरकार पर किया हमला

पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने याद किया कि कैसे उनके पिता बालासाहेब ठाकरे और उनके दादा व समाज सुधारक प्रबोधनकर ठाकरे ने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान समाजवादियों के साथ मिलकर काम किया था. उन्होंने कहा, "मतभेदों के बावजूद, संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान आचार्य अत्रे, एस. ए. डांगे और ठाकरे एक ही पक्ष में थे। ठाकरे ने इस दौरान भाजपा सरकार पर भी हमला किया. उन्होंने कहा, "वे अपने सहयोगियों को कभी भी विस्तार और विकास नहीं करने देते। हम लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम उन्हें हराने जा रहे हैं। समाजवादी पार्टियों के साथ बैठक बहुत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक होने वाली है." ठाकरे ने याद किया कि कैसे 1967 के लोकसभा चुनाव में फर्नांडिस ने मुंबई दक्षिण सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता एस के पाटिल को हराया था। उन्होंने कहा, "अगर हम लोकतंत्र के लिए एक साथ हैं तो ऐसी ही बात अब भी हो सकती है।